जामारैं हे मेरे भईयाओ, जो जो बात सच्चीयें, जो बात आदर कीयें, जो बात सही है, जो बात पबित्र है, जो बात सुनिबे में अच्छी हैं, जो बात मन कूं अच्छी लगें, जिन बातन में अच्छे गुन हैं और जिन बातनते भौत बड़ाई हैबै बिन बातन पैई ध्यान लगाऔ।
अपने आप कूं परमेस्वर कौ मानबे बारौ बना, और ऐसे अच्छे काम करबे की खूब कोसिस कर, जाते तोय लज्जित न होनौ परै, और सत्य के वचन कूं सही तरैह ते सच सच सिखा।
सुरग ते आयबे बारौ ग्यान तौ पबित्र, सान्तीपूरन, सहनसील, और मिलनसारऊ है बू करुना ते भरौ भयौ है और अच्छे कामन की फसल पैदा करै। बामें पछपात और कपट ना होऐ।