ईसू नें बिनते कही, “मैं तुम लोगन ते सच कैहतूं। अगर तुम में भरोसौ होय और तुम सक नांय करौ, तौ तुम ना केबल बू करौगे जो मैं जा अंजीर के पेड़ के संग कर चुकौऊ, पर तुम जा पहाड ते कहौगे, ‘उठ और समुन्दर में गिर जा,’ तौ बू गिर जाबैगौ।
बानें सुरग दूत कूं डरते भये ध्यान ते देखौ और कही, “हे पिरभू, काये?” सुरग दूत नें बाते कही, “तेरी पिराथना और गरीब कूं दयौ दान परमेस्वर के सामने पौंहचेएं और बू तोय याद कर रयौ है।
जब म्हां रैहबे के दिन पूरे है गये, तौ हम म्हांते चल और बे सब लोग और उनकी पतनी और बालकन समेत नगर के बाहर तक हमारे संग आये। हमनें समुन्दर के किनारे पै घुटने टेककै पिराथना करी।
चौंकि तुमारे य्हांते पिरभू कौ वचन केवल मकिदुनियां और अखाया देस मेंई ना सुनांयौ गयौ, पर तुम्हारो भरोसौ जो परमेस्वर पै है वाकी चर्चा हर जगैह फैल गयी है। जाकी बजैह ते बिनते हमें कछू कैहवे की जरूरतई नांय परी।
जि बात सई है और मैं चाहूं, कै तू इन बातन के बारे में दिरनता ते बोले कर, जाते बे लोग जो परमेस्वर में भरोसौ करें, बे भले कामन में लगे रैहबें। जे बात अच्छीऐं और लोगन के काजै लाभ की हैं।
तौ फिर आओ, हम सच्चे हृदय, पूरे भरोसे के संग, और बिबेक कौ दोस दूर करबे काजै हृदय पै मसीह के लहू कौ छिड़काब लेकर, और सुद्ध जल ते धोए भये अपने सरीरन के संग, परमेस्वर के जौरें पौंहचतैं।
हे पतीयों अगर तुमऊं अपनी पतनीन के संग समझदारी ते एसौई ब्यबहार करौ, और बिनकूं निरबल समझकें आदर देऔ और अपने कबऊ नांय खतम हैबे बारे जीबन के वरदान में दोनों बारिस बनों, जाते तुमारी पिराथनान में कोई रुकाबट नांय आबै।