जब काऊ औरत कै बालक पैदा हैबै कौ समै होतुऐ तौ बाय पीड़ा होतै। पर जब बालक पैदा है जातै, तौ तब बू जा आनन्द ते कै जगत में एक बालक पैदा भयौए बू आनन्दित हैकें अपने बा पीड़ा कूं भूल जाबतै।
परमेस्वर की पहलौठी सन्तान है, जिनके नाम सुरग में लिखे हैं, बिनके जौरें पौहच चुके हो। तुम सबके न्यायकर्ता परमेस्वर और बिन धर्मात्मा, सिद्ध पुरुसन की आतमान,
चौंकि परमेस्वर नें पाप करबे बारे सुरग दूतन कूं छमा नांय करौ और बिनकूं पाताल लोक की अंधेरी कोठरीन में डार दियौ कै बे आखरी न्याय के समै तक बाई में बन्द रैहमें।