15 फिलिप्पियों के रैबेवारे जौ अच्छे से जानत आंय, कि परचार करत जब मकिदुनिया से चलो तो पईसा के लैबे दैबे में कोई मण्डली ने मोरी मदद नईं करी, परन्त तुम ने मोरी कमी पूरी करी।
बे जेलखाने से कड़ के लुदिया के घरै गए, और उतईं भाईयन से मिलके उनहां हिम्मत बंधाई, और उन से विदा भए।
कायसे मकिदुनियां और अखया के बिसवासी जन हां जौ भलो लगो, कि यरूशलेम के पवित्तर मान्सन में गरीब भूखन के लाने कछु चन्दा जोड़ें।
भईया हरौ, मोरी जा चाहना आय, कि तुम जौ समझो कि जो कछु मोय पे बीती, ऊसे पिरभू को जस बढो आय।
कछु जनें तो प्रेमबस परचार करबे से जौ जानत आंय कि मैं इते सुसमाचार हां बचाबे हां आओ।
कायसे तुम पेंला से आज लौ सुसमाचार फैलाबे में मोरे संग्गै रैत आव।
मैं एैसई तुम सब के लाने सोचत आंव, कायसे तुम सबरे जनें मोरे हिये में बसे आव, और चाहे मैं इते जेहल में आंव और सुसमाचार हां प्रचारत आंव तुम सबरे जनें मोरे संग्गै ठांड़े आव।
सो मोरे भईया हरौ, तुम मोरे देखत और मोरे पछाऊं सोई उन की बातन मानत रए, सो ऐसई अपने अपने तरन तारन होबे जैसे काज करत रओ।