सब्त के दिना हम नगर के फाटक के बायरें नदिया के किनारे, जौ समझ के गए, कि उते प्रार्थना करबे की कोऊ जांगा हुईये; और हम बैठके उन बईयरन से बतकाओ करन लगे, जौन उते जमा हतीं।
और हमाए काजें सोई बिन्तवारी करो, कि परमेसुर हमाए लाने बचन सुनाबे हां ऐसो द्वार खोल देबे, कि हम पिरभू यीशु मसीह की कथा सुनात रएं, जीके काजें मैं जेहल में आंव।