पर अपने बैरियन से प्रेम राखौ, और भलाई करौ: और फिन वापस पाबे की आस न राख के उधार देओ; तो तुमाए लाने बड़ो इनाम हुईये: और तुम परम परधान के बालबच्चा ठैर हौ, कायसे बो उन पे जो धन्नवाद नईं करत और बुरए जन पे सोई दया करत आय।
कायसे इन दिनन से पेंला थियूदास जौ कहत भओ उठो, कि मैं सोई कछु आंव; और कोऊ चार सौ मान्स ऊके संग्गै हो लए, और बो मारो गओ; और जितेक मान्स ऊहां मानत हते, सब तितर बितर भए और मिट गए।
सो अब अपनी देह की अभलाखा हां पूरो न करो, परतिरिया संगत करबे की अभलाखा और गन्दे काम, बुरय विचार, और दूसरन की बस्तन को लालच न करो, कायसे जे सब मूरत की पूजा जैसे आंय।
जौन बिरोध करत आंय, उन हां जौन परमेसुर के मानबेवारे आंय, और अपने आप हां बड़ो कैत आंय, इते लौ कि बो परमेसुर के मन्दर में बैठ के अपने आप हां परमेसुर कैत आय।
कायसे रुपईया कौ लोभ सब परकार की बुराईयन की जड़ आय, जीहां पाबे की कोसिस करत भए कितेक जनें बिसवास की गैल से भटक के अपने आप हां बिलात परकार के दुखों से छलनी कर लओ आय।
जदि तुम पवित्तर पोथी के ई बचन अनसार बैवार करत आव, कि तें अपने पड़ोसी से अपने घांई प्रेम कर, तो सांचई तुम परमेसुर के राज की नैम हां पूरो करत आव, तो साजो करत आव।
हे नए जवानो, तुम सोई धार्मिक बूढ़ों के नेंचें रओ तुम सबरे एक दूजे के लाने दीन और नरम बनो, कायसे परमेसुर घमंडियों कौ सामनो करत आय, परन्त बो दीनो पे दया करत आय।
सब से बढ़ के उन हां जौन बुरई बासनाओं के बस में होकें देयां के अनसार निंगत, और पिरभु के राज हां ओछो जानत आंय; बे ढीठ, और हठी आंय, और ऊंचे पद वारन हां बुरो भलो कैबे से नईं डरात।
परन्त जे मान्स बिना समजवारे जनावर घांई आंय, जौन पकड़े जाबे और नास होबे के लाने पैदा भए आंय; जिन बातन हां बे जानतई नईंयां, उन के लाने दूसरन हां बुरो भलो कैत आंय, बे अपनी सड़ाहट में खुद सड़ जें हैं।
बे लालच में आके लबरी बातें बना हैं और तुम हां अपने फायदा कौ कारन बना हैं, दण्ड़ कौ हुकम जो उन पे पेंला से हो चुको आय, और ऊके आबे में देर नईंयां, उन कौ नास झट्टई होबेवारो आय।
इनहां कोऊ बात में संतोस नईंयां, जे कुड़कुड़ात, और अपनी बुरई मन्सा से काम करत आंय; और बिलात बड़वाई की बातें करत आंय; और फायदे के लाने मों पै मान्सन की बड़वाई करत आंय।