6 जौन किसान मेहनत करत आय ऊको फल ऊहां मिलत आय।
सरग कौ राज्य ऊ मालक के घांई आय, जौन भुनसारे ई लाने कड़ो, कि मजूरन हां अपनी दाख की बगिया में काम करबे के लाने लगाए।
जीहां पांच रुपईया मिले हते, ऊने तुरतईं जाके उन से धन्धा करो और पांच रुपईया और कमाए।
ऊ ने उन से कओ; पक्के खेत बिलात आंय; और मजूर तनक आंय: ई लाने खेत के मालक से बिनती करो, कि बो अपने खेत काटबे हां मजूर पठै देबे।
मैं सब कछु भले सन्देसे के लाने करत आंव, कि मैं दूसरन कौ संग्गी बन जाओं।
मोरी बातन पै ध्यान धर, और पिरभू तोहां सबरी बातन की समझ दै है।
धीरज धरबो सीखो कि तुम परमेसुर हां खुस राखो, और ध्यान धरो कि पिरभू से तुम हां ईको बड़ो फल मिल है।
अच्छी धरती जी पै पानू बरसो होबै, और जौन खेती हां तईयार होबै, कि मान्सन के लाने खैबे हां पजे, ऐसी धरती हां परमेसुर आसीस देत आय।