ओई बेरा यीशु पवितर आत्मा में होकें खुसी से भर गओ, और कैन लगो; हे बाप, सरग और संसार के पिरभु, मैं तोरो धन्नवाद करत आंव, कि तेंने जे बातें बुद्धिमानों और समजवारन से लुका रखीं, और बच्चन पे उजागर करी आंय, हओ, हे बाप, कायसे तोहां जौई साजो लगो।
हे बाप, मोरी चाहना आय कि जिन हां तेंने मोय दओ आय, जिते मैं आंव, उते सोई मोरे संग्गै रएं कि बे मोरी ऊ महिमा हों तक सकें, जीहां तेंने मोय दई आय, कायसे तेंने संसार के जन्म से पेंला मोय से प्रेम करो।
पर तुम एक नबेरो भओ वंस, और राजपद अधकारी, याजकन कौ समाज, और पवित्तर लोग, और पवित्तर मान्स और परमेसुर की निज परजा आव, ई लाने कि जीने तुम हां अंधयारे में से अपनी जोत में बुलाओ आय, ऊके गुण परगट करो।
जो जनावर तेंने तको आय, जो पेंला तो हतो, परन्त अब नईयां, जो बिलात गैरे कुण्ड में से कड़ है और विनाश में पड़ है। और धरती के रैबेवारे मान्स जिनके नाओं पेंला से जीवन की पोथी में नईं लिखे गए, ई जनावर की जा हालत तक के, कि पेंला हतो, और अब नईंयां; और अब फिन आ जा है, अजूबा मान हैं।