ऐई से मैं जे दुख उठा रओ आंव, और लजात नईंयां, कायसे मैंने जिन पै बिसवास धरो आय उन हां जानत आंव; और मोहां पक्को आय, कि जौन जीवन मैंने उन हां दे दओ आय ऊहां साजो धरे रै हैं।
आगे परमेसुर जौन सांचे आंय मोरे काजें धरम को मुकुट धरें आंय, जौन मोहां दै हैं और मोहां नईं, परन्त उन हां सोई दै हैं, जौन उनके फिन के आबे की प्रेम से बाट तकें आंय।