16 कोई बिसवासी बहन लौ कछु बिधवाएं रैत होबें, तो बा उन की देखभाल करै, कि मण्डली पै खरचा न बैठे, और बा बहन ऐसी बिधवाओं की मदद करे।
और साजो काम करबेवारी रई होबै, जीने अपने लरका वारन हां ठीक से पालो होबै; पाहुरन की सेवा खुसामद करी होबै, पपित्तर जनन के गोड़े धोय होबें, और दुखियन की मदद करी होबै, और अच्छे कामन में मन से लगी रई होबै।
परन्त कोई अपनी और अपने घरवारन की देखभाल साजे से न करे, तो बो बिसवास करी भई बातन हां मानो भूल गओ, और जौन बिसवास नईं करत उनसे गिरो भओ आय।
ऊ बिधवा को नाओं लिखो जाबै, जौन साठ बरसन से कम न होबै, और एकई मुन्स करो होबै।