और ऐसो न होबे कि जौन जोत मैंने पाई बिलात होबे से मैं फूल जाओं, मोरी देह में एक कांटा लगाओ गओ, कि शैतान छलिया को एक दूत मोहां घूंसा मारै कि मैं फूल न जाओं।
हे नए जवानो, तुम सोई धार्मिक बूढ़ों के नेंचें रओ तुम सबरे एक दूजे के लाने दीन और नरम बनो, कायसे परमेसुर घमंडियों कौ सामनो करत आय, परन्त बो दीनो पे दया करत आय।