परमेसुर के ऊ झुण्ड की, जौन तुमाए मजारें आंय रखनवारी करो; जौ काम दबाव से नईं, परन्त परमेसुर की मनसा अनसार खुसी से, और ओछी कमाई के लाने नईं, पर मन लगा के करो।
बे लालच में आके लबरी बातें बना हैं और तुम हां अपने फायदा कौ कारन बना हैं, दण्ड़ कौ हुकम जो उन पे पेंला से हो चुको आय, और ऊके आबे में देर नईंयां, उन कौ नास झट्टई होबेवारो आय।