8 हमें पता आय, कि मूसा को जैसो नैम आय ऊ पै चलै तो बो भलो आय।
फिन तेंने सीनै पहरवा पै उतरकें आकास में सें उनके संगै बातें करीं, और उनहों सूदे नियम, सांची ब्यवस्था, अच्छी बिधियां और हुकम दए।
और ई संसार के जैसे न बनो; पर तुमाए समज के नए हो जाबे से तुमाओ चाल सोई बदलत जाबे, जी से तुम परमेसुर की साजी और भावती, और सिद्ध अभलाखा अनुभव से मालूम करत रओ।
जदि जौन मैं नईं चाहत और ओई करत आंव, तो मैं मान लेत आंव, कि नेम व्यवस्था भली आय।
कायसे मैं जानत आंव, कि मोय में जाने के मोरी देयां में कोनऊं साजी बस्त बास नईं करत, मैं चाहत तो आंव, पर भले काम मोसे नईं बन पड़त।
कायसे मैं भीतर आत्मा से परमेसुर की व्यवसथा से खुस रैत आंव।
तो का नैम परमेसुर की प्रतिज्ञा के आड़े आत है? ऐसो कभऊं न होबे, कायसे ऐसो नैम दओ जातो जीसे जीवन मिले, तो सांची आय कि धरमी सोई नैम से होते।
अखाड़े में लड़बेवारो पहलवान अच्छे से नईं लड़त तो इनाम नईं मिलत।