12 चोथै सुरगदूत गै तुरई बजांवता ई सूरज चांद अर तारां गो एक तिहाई हिसै नै खत्म कर दियो। जिंऊं आंगै एक तिहाई हिसै में अंधेरो हो'ग्यो, जिंऊं दिन गै एक तिहाई हिसै गी रोसनी जावंती रेई।
बां दिना में झिका दुख पड़सी। “बिंगै बाद हातो हात ई सूरज काळो पड़ज्यैगो अर चांद गी रोसनी कोनी निकळैगी अर आकास गा तारा पड़ज्यैगा अर आकास गी सारी सकतियां हलाइजैगी।”
दोफारै बारा बजे ऊं लेगे तीन बजे तांई सारै देस में अंधेरो छायो रेयो।
मुसीबत कळेस दुख गै बां दिना गै बाद सूरज गी रोसनी कोनी होवैगी चांद बी रोसनी कोनी देवैगो।
फेर सारी धरती पर दोफारै में अन्धेरो होग्यो।
जद मिनख गो बेटो दुसर आसी बिं टेम सूरज, अर चांद अर तारा में डरावणा निसान दिखैगा अर सारी धरती गै लोगां पर भोत क्ळेस आसी। क्यूंकै बे समुंदर गै ऊथळ-पुथळ होण ऊं भोत डरज्यैगा।
प्रभु गै आण गै खास अर मोटै दिन ऊं पेलां सूरज अंधेरै में अर चांद लोइ में बदळ जावैगो।
अर बां बिस्वास ना करण आळा खातर झिकां गी बुद्धी ईं दुनिया गै सैतान बंद कर राखी है। जिंऊं बे मसी झिको परमेसर गो सरूप है बिनै ना पेहचाण सकै अर ना'ई बिंगै ग्यान ऊं भरेड़ै सुब समाचार गो प्रकास बां पर चमक सकै।
बण आपगी पूंछ ऊं आकास गै तारां गो एक तिहाई हिसो खींचगे धरती पर फेंक दियो अर बो अजगर गर्भवती लुगाई सामै खड़यो हो'ग्यो। बो बिंगै टाबर नै जामंता ई खा लेणो चावै हो।
फेर पांचवै सुरगदूत आपगो कटोरो पसु गै सिंघासन पर ढोळ दियो अर बिंगो राज अंधेरै में डूब ग्यो। बिनै पूजण आळा लोग दांत पीसण लागग्या।
अर जद मैं मेमणै नै छटी मोहर तोड़ता देख्यो तो धरती हालगी अर ऊन ऊं बणेड़ै कामळ गी तरियां सूरज काळो, अर चांद खून गी तरियां दिखण लागग्यो।
जद बां च्यारा दूता नै छोड़ दिया झिका नै बिं घड़ी, बिं म्हिनै अर साल खातर रोकेड़ा हा। जिंऊं बे धरती गै एक तिहाई मिनखां नै मार दैय।
अर बिं धुंवै, आग अर गंधक ऊं मिनख जाती गो एक तिहाई हिसो खत्म कर दियो।