झिको पाणी मैं देवूं बो पाणी जे कोई पीवै है बिनै कदी तीस कोनी लागै। झिको पाणी मैं देऊंगा बिंगै माऊं एक बावड़ी बण जावैगी झिकी अनन्त जीवन खातर पाणी देवंती रेवैगी।”
सूरज निकलतां ई बिंगो तावड़ो इतो तपै है कै बुंटो सूक जावै है, बिंगो फूल झड़ जावै है अर बिंगी सुंदरता खराब हो जावै है। इंयाई धनवान आदमी आपगै रा पर चालतो एक दिन माटी में मिल जावै है।