6 झिको सुणनो चावै बो सुण ल्यै कै आत्मा बिस्वासी मण्डलियां ऊं के चावै है?
झिको सुणनो चावै बो सुणल्यै।
झिको सुणनो चावै बो सुणल्यै।”
आं बाता नै ध्यान ऊं सुणो अर समझो।
झिकै गै कान है बो ईं बात नै ध्यान ऊं सुण गे समझ ल्यै।”
केई बीज आच्छी जिग्यां पर पड़या झिका उगगे सो गुणा फळ ल्याया।” इतो केगे बो जोर ऊं बोल्यो, “झिका गै कान है बे सुणल्यो।”
झिकै गै कान है बो सुण ल्यै कै पवितर आत्मा बिस्वासी मण्डलियां ऊं के केवै। झिको जीतैगो बिनै दूसरी मोत ऊं कोई नुकसान कोनी होवैगो।
झिको सुणनो चावै बो सुण ल्यै कै पवितर आत्मा बिस्वासी मण्डलियां ऊं के केवै, कै झिको जीतैगो बिनै मैं परमेसर गै बाग में जीवन गै दरखत गो फळ खाण गो हक देस्यूं, झिको सुरग में है।
झिको सुणनो चावै बो सुण ल्यै कै आत्मा बिस्वासी मण्डलियां ऊं के चावै है।