पण बे तो उतम देस सुरग गी खोज में हा। ईंखातर खुद परमेसर बां लोगां गो परमेसर कुहाण में बांऊं कोनी सरमावै है। क्यूंकै बण ई बो देस, बां लोगां खातर बणायो है।
गरजन गा सातूं सब्द खत्म होण पर मैं लिखण आळो ई हो। इतै में मनै आसमान ऊं ओ सब्द केवंता सुणाई दियो कै, झिकी बातां गरजन गै सातूं सब्दा कैई है बां पर मोहर लगा दे अर बानै ना लिख।
जद मैं सुरग में ऊंची आवाज में ओ केवंता सुण्यो कै, “अब आपणै परमेसर गी मुकती, राज, ताकत अर बिंगै मसी गो हक दिखाई दियो है क्यूंकै झिको म्हारै बिस्वासी लोगां पर दोस लगावंतो अर म्हारै परमेसर सामै रात दिन बानै दोसी ठहरावंतो हो बिनै आज नीचै फिकवा दियो।”
इंगै कारण ई ऐ लोग परमेसर गै सिंघासन गै सामणै है अर आंगै घर में दिन रात आंगी सेवा करता रेवै, अर झिको सिंघासन पर बेठयो है बो आमै बास करतो आंगी रुखाळी करसी।