जिंया एक हडारोड़ो मू बांस आवै है बिंयाई जद एक पापी आपगो मूं खोलै है तो बिंगै मूं ऊं धोखो देणाळी बात निकळै है। इयां कर'गे बो आपगै मूं ऊं नास अर मोत होण आळी बातां बोलै है।
क्यूंकै मसी बांगै हात गी बणायेड़ी पवितर जिग्यां में कोनी बड़यो हो। पण बो तो परमेसर गै बणायेड़ै सुरग में बड़यो हो। जठै बो आपणै खातर परमेसर गै सामै हाजिर रेवै।
आं बाता गै बाद मैं देख्यो कै सुरग में एक दरवाजो खुलो है। बिं तुरई गी आवाज झिकी मैं पेलां सुणी ही, बण मनै केयो, “अठै उपर आ'ज्या अर मैं तनै बे बातां सुणाऊंगा झिकी आ'गै घटै गी।”
इंगै कारण ई ऐ लोग परमेसर गै सिंघासन गै सामणै है अर आंगै घर में दिन रात आंगी सेवा करता रेवै, अर झिको सिंघासन पर बेठयो है बो आमै बास करतो आंगी रुखाळी करसी।