1 इंगै बाद कणैई मनै नापण खातर एक कानो दियो अर केयो, “उठ, परमेसर गै मिन्दर अर बेदी अर बिमै आराधना करण आळा लोगां नै गिण ले।”
इंयाई परमेसर गै मिन्दर में मूरती गो मेळ कोनी हो सकै क्यूंकै आपां खुद'ई बिंगा जींवंता मिन्दर हां। जिंया परमेसर केवै है, “मैं बामै वास करूंगा, अर बांगै बिचाळै चालू फिरूंगा। मैं बांगो परमेसर होऊंगा अर बे मेरा लोग होवैगा।”
अब थे बी एक आत्मिक घर बणाण आळा जींवंता पथर हो। अर थे पवितर याजक हो अर यीसू मसी गै द्वारा थे परमेसर नै राजी करण खातर अपणै आपनै बलिदान करो।
थे लोग परमेसर गा चुणेड़ा खास लोग हो। अर थे एक खास याजकां गो समाज हो अर पवितर लोग अर परमेसर गी खास प्रजा हो। ईंखातर झिकै थानै अंधेरै ऊं पवितर चानणै में बुलाया है बिंगै द्वारा भलाई गी बातां दूसरा नै बताओ।
इंगै बाद मनै केईज्यो तनै ओ संदेस भोत सारै लोगां नै, देसा नै, सगळी भासावां गै लोगां नै अर सगळै राजावां नै परमेसर गी बात बोलगे सुणाणो पड़सी।
झिको मेरूं बात करै हो बिं कनै, दरवाजा अर कंद नापण खातर सोनै गो गज हो।