1 हे मेरा भाईयो अर भेनों, प्रभु थारै पर करेड़ी सारी बातां नै याद कर'गे खुसी में रेवो। मैं पेलां लिखेड़ी बात एकर फेर लिखूं क्यूंकै आ बात लिखण में मनै कोई दिकत कोनी अर आ बात थारै भलाई खातर है।
सुरग में थारै खातर एक मोटो फळ है। थे बिं खातर भोत आनंद मनाइयो अर मन में राजी होईयो। क्यूंकै जिंया अब थानै लोग तंग करै है बिंयाई पेलां परमेसर गी बात बताण आळा नै बी तंग करया हा।”
ईंखातर हे भाईयो अर भेनों, अर आखरी में मैं थानै आई बात केगे मेरी बात बंद करणी चाऊं कै थे खुस रेवो, सिद्ध बणो, एक दूसरा नै होंसलो दैयो अर सांती ऊं सारा मिलगे रेवो। अर देखो, जद परमेसर झिको सांती अर प्रेम गो दाता है, बो थारै सागै हमेसा रेसी।
आखिर में, हे मेरा भाईयो अर भेनों, बां बातां पर ध्यान करियो झिकी सच्च है, झिकी बात आदर गै लायक है, झिको काम परमेसर नै आच्छो लागै है, झिको काम बिना पाप गो है, झिको खुसी गै योग्य है अर आच्छो गुण अर बडाई गै लायक है।
हे भाईयो अर भेनों यीसू मसी गै नाम पर मैं थारै ऊं पराथना अर निवेदन करूं कै थे ईं बात गो उपदेस म्हानै दियो हो कै परमेसर नै खुस करण खातर किंया चालणो चईयै। बिंयाई चालणो चईयै जिंया थे अब चालण लागरया हो अर आ'गै बढता जाओ।
हे मेरा भाईयो अर भेनों, मैं थानै एक खत पेलां लिख्यो अर अब दूसरो खत लिखण लागरयो हूं। आं दोनां खतां में मैं थानै होंसलो देगे याद कराऊं कै झिको कीं केयो है बिनै ठीक तरियां ऊं मानता रेवो।