फिलिप्पी 1:20 - Bagri20 मेरी इच्छा अर आस आई है अर मनै हिस्यो बिस्वास है कै मैं कोई बी बात ऊं निरास कोनी होस्यूं। अर बिना कोई डर गै सागै मसी गी मेमा सदां होवंती रेवै। अर आ'गै बी हो'सी, चायै मैं मरूं या जीऊं। Faic an caibideil |
ईंखातर बो आदमी दो तरियां गी बात सोचतो रेवै कै मैं किंया प्रभु नै खुस करूं अर किंया आपगी घराळी नै खुस करूं। बिना ब्या करेड़ी लुगाई अर विधवा परमेसर गै काम गै बारै में सोचती रेवै क्यूंकै इंगै द्वारा बे पूरै तन मन ऊं परमेसर नै समरपण कर सकै। पण ब्या करेड़ी लुगाई आपगै घराळै नै खुस करण गै खातर ईं संसार गी बातां गै बारै में सोचती रेवै।