ईं संसार गै लोगां तरियां थे ना जीओ पण परमेसर नै थारो सोच बिचार बदळन दैयो। इंया करोगा तो थानै पतो लागसी कै परमेसर गी इच्छा गै अनुसार किंया चालणो है, परमेसर नै किंया राजी करणो है अर परमेसर गी पूरी तरियां पक्की इच्छा गो पतो लगावंतो रेवो।
तो नेम विधान परमेसर गै वायदै गो बिरोधी है के? जमाई कोनी। क्यूंकै जे नेम विधान दियो जांवतो झिको जीवन दे देवंतो तो साची में परमेसर गै सामणै एक आच्छो जीवन नेम विधान ऊं होवंतो।