7 क्यूंकै झिका रात नै सोवै है बे रात नै ई सोवै है अर नसा करण आळा है बे रात नै ई नसो करै है।
“हर कोई पेलां आच्छो दाख गो रस देवै है जद लोग धाप जावै है तो थोड़ो बिंऊं हळको दाख गो रस देवै है पण थे अजे तांई बडिया आळो दाख गो रस मेल राख्यो है।”
जिंया थे समझो बिंया आं दारू कोनी पी क्यूंकै अजै तो दिनगै गा नौ बजया है।”
जिंया दिन में चानणो रेवै है बिंयाई आपांनै बी चानणै में रेगे सीधी चाल चालणी चईयै। दूसरां गी पाल्टी में जा'गे दारू पीगे उल्लु नई बणनो चईयै, बेबीचार अर सरम आण आळा काम नई करणा चईयै, बळण राखगे दूसरां गै सागै लड़ाई झगड़ो नई करणो चईयै।
ईंखातर थे होस में रेवो अर पाप करणो छोड़ दैयो। सरम आळी बात आ'ई है कै थारै मू केई लोग परमेसर गी साची सिक्सा नै कोनी जाणै।
ईं कारण पवितर सासतर में इंया केवै, हे सोण आळा लोगो, जागज्यो अर मरेड़ा मू जी उठो। जद मसी गी जोती थारै पर चमकैगी।
दारू पीगे मतवाळा ना बणो क्यूंकै इंऊं बुरी इच्छा पैदा होवै। पण पवितर आत्मा में परिपूर्ण होवंता जाओ।
आनै बुराई गै बदळै बुराई मिलसी। अर दिन गै चानणै में बी बोळो खा पीगे मोज मस्ती करणी आनै आच्छी लागै। जद ऐ थारै कनै खाणो पीणो करण आवैगा तो आंगै मन में गळत बिचार हो'सी।