एसे हम इआ चाहित हएन, कि तूँ पंचे संसारिक बातन माहीं जादा मन न लगाबा, काहेकि जउन मनई काज नहीं करत आय, उआ प्रभू के बातन के बारे माहीं सोचत रहत हय, कि हम प्रभू काहीं कइसन खुस रक्खी।
अउर तुहूँ पंचे घलाय मिलिके हमरे पंचन के खातिर प्राथना कइके, हमार पंचन के मदत कइ रहे हया, काहेकि हमहीं पंचन काहीं जउन बरदान खुब मनइन के प्राथना के द्वारा मिला हय, ओहिन के कारन खुब मनई हमरे पंचन के तरफ से परमातिमा के धन्यबाद करिहँय।
अउर तूँ पंचे हमेसा पूरे मन से पबित्र आत्मा के मदत से बिनती, प्राथना करत रहा, अउर एहिन से सचेत रहा, कि जउने सगले पबित्र मनइन के खातिर लगीतार परमातिमा से बिनती करत रहा।
अउर यीसु मसीह के दीन सान्ति काहीं अपने जीबन माहीं अपनाय ल्या, जउने तोंहरे हिरदँय माहीं राज करय, एहिन के खातिर परमातिमा तोंहईं एकठे देंह कि नाईं, एक होंइ के खातिर चुनिन हीं, एसे परमातिमा काहीं हमेसा धन्यबाद देत रहा।