फिलिप्पियन 4:14 - Bagheli Bible14 तऊ तूँ पंचे निकहा किहा हय, जउन हमरे दुख माहीं हमार मदत किहा हय। Faic an caibideil |
अउर इआ करँइ के खातिर उनहीं निकहा त लाग, पय ऊँ पंचे उनखर रिनिहा घलाय हें, काहेकि ईं पंचे गैरयहूदी लोग, यरूसलेम सहर के यहूदी जाति के बिसुआसी भाई-बहिनिन से आत्मिक बातन के आसीस अरथात खुसी के खबर पाइन हीं, त इनहूँ पंचन काहीं उचित होत हय, कि उनखे सारीरिक जरूरतन के खातिर, उनहीं पंचन काहीं दान दइके उनखर सेबा करँय।
तोंहरे बारे माहीं हमहीं अइसा सोचब उचित हय, काहेकि तूँ पंचे हमरे हिरदँय माहीं बसे हया। अउर हम जेल माहीं हएन, तऊ खुसी के खबर के खातिर मनइन काहीं जबाब देंइ माहीं, अउर अपने जीबन के व्दारा गबाही देंइ माहीं, परमातिमा हमरे ऊपर बड़ी दया कइके हमार मदत किहिन हीं, अउर ऊँ सगले कामन काहीं करँइ माहीं तूँ पंचे हमरे साथ सामिल हया।