फिलिप्पियन 4:12 - Bagheli Bible12 अउर गरीबी माहीं कइसा रहा जात हय, अउर अमीरी माहीं कइसा रहा जात हय, हम जान गएन हय, हर हाल माहीं चाह पेट भरा होय, चाह भूँखा होय, चाह हमरे लघे हर चीज भरपूर होय, चाह एक्कव न होय, उन सगली बातन माहीं खुस रहँइ के भेद हम जान लिहेन हय। Faic an caibideil |
अउर जब हम तोंहरे साथ माहीं रहेन हय, तबहूँ हमहीं पइसा के जरूरत रही हय, पय हम कोहू से नहीं माँगेन, कि जउने ओखे ऊपर हमार बोझ न परय, काहेकि जउन भाई लोग मकिदुनिया प्रदेस से आए रहे हँय, उँइन पंचे हमरे जरूरत काहीं पूर कइ दिहिन तय। अउर हम हरेक बात माहीं तोंहरे पंचन के ऊपर बोझ नहीं बनेन आय, अउर न कबहूँ बनबय करब।