अउर जब हम तोंहरे साथ माहीं रहेन हय, तबहूँ हमहीं पइसा के जरूरत रही हय, पय हम कोहू से नहीं माँगेन, कि जउने ओखे ऊपर हमार बोझ न परय, काहेकि जउन भाई लोग मकिदुनिया प्रदेस से आए रहे हँय, उँइन पंचे हमरे जरूरत काहीं पूर कइ दिहिन तय। अउर हम हरेक बात माहीं तोंहरे पंचन के ऊपर बोझ नहीं बनेन आय, अउर न कबहूँ बनबय करब।