21 ऊँ अपने उआ सक्ती से जउने से संसार के सगली चीजन काहीं, अपने काबू माहीं कइ सकत हें, उहय सक्ती से हमरे पंचन के निबल देंह के रूप बदलिके, अपने महिमामय देंह कि नाईं बनाय देइहँय।
हे पियार साथिव, हम पंचे परमातिमा के सन्तान आहेन, अउर अबे तक इआ प्रगट नहीं भ, कि हम पंचे का कुछ होब! पय एतना जानित हएन, कि जब यीसु मसीह दुसराय अइहँय, त हमहूँ पंचे उनहिन कि नाईं होइ जाब, काहेकि उनहीं ओहिन मेर देखब, जइसन ऊँ हें।