कोऊ ओही हमसे छड़ाबय नहीं, बलकिन हम ओही अपने मरजी से देइत हएन: काहेकि हमहीं ओही देंइ के अधिकार हय, अउर ओही लेऊँ के अधिकार हय: इआ हुकुम हमहीं हमरे पिता से मिला हय।”
पय इआ एसे होइ रहा हय, कि संसार के सगले मनई जान लेंय, कि हम पिता से प्रेम करित हएन, अउर जउनमेर पिता हमहीं हुकुम दिहिन हीं, हम उहयमेर करित हएन: उठा, इहाँ से हम पंचे चली।”
अगर तूँ पंचे हमरे हुकुमन काहीं पालन करिहा, त हमरे प्रेम माहीं बने रइहा: जइसा कि हम अपने पिता परमातिमा के हुकुमन काहीं पालन किहेन हय, अउर उनखे प्रेम माहीं बने रहित हएन।
अउर तूँ पंचे हमरे पंचन के प्रभू यीसु मसीह के किरपा काहीं जनतेन हया, कि ऊँ केतना धनी रहे हँय, तऊ ऊँ तोंहरे पंचन के खातिर एसे कंगाल बनिगें, कि जउने तूँ पंचे उनखे कंगाल होंइ से धनी बन जा।
पय मसीह जउन हमरे पंचन के खातिर स्रापित बने हें, हमहीं मोल लइके मूसा के बिधान के सराप से छोड़ाइन हीं। जब मसीह क्रूस माहीं लटकाए गें, ऊँ हमरे पाप के सराप काहीं अपने ऊपर लइ लिहिन, काहेकि पबित्र सास्त्र माहीं इआ लिखा हय, कि “जे कोऊ कठबा माहीं लटकाबा जात हय, उआ स्रापित हय।”
यीसु मसीह अपने इच्छा से हमरे पँचन खातिर मउत काहीं अपनाइन हीं, कि जउने हमहीं पँचन काहीं हरेकमेर के अधरम से छोड़ाय लेंय, अउर सुद्ध कइके अपने खातिर अइसन प्रजा बनाय लेंय, जउन निकहे-निकहे कामन काहीं करँइ के खातिर हरेक समय तइआर रहँय।
अउर बिसुआस के सुरुआत करँइ बाले, अउर ओही परिपूर्न करँइ बाले, यीसु के ऊपर हम पंचे ध्यान लगाए रही; जे उआ खुसी के खातिर जउन उनखे आँगे धरी रही हय, सरम के कउनव परबाह नहीं किहिन, अउर क्रूस के सजा काहीं सहि लिहिन, अउर जाइके परमातिमा के दहिने कइती सिंहासन माहीं बइठिगें हँय।
ऊँ खुदय हमरे पंचन के पापन काहीं अपने देंह के ऊपर लए क्रूस माहीं चढ़िगें, जउने हम पंचे पाप के सम्बन्ध से पूरी तरह से मुक्त होइके, परमातिमा के नजर माहीं जउन निकहा हय, उहय करी; अउर उनहिन के मार खाँइ से तूँ पंचे चंगे भया हय।
काहेकि मसीह घलाय हमरे पंचन के पापन के बदले माहीं, दुख उठाइन हीं, अरथात ऊँ निरदोस रहे हँय, तऊ हम पंचे जउन पापी रहेन हँय, हमरे खातिर एक बेरकी मरिगें, कि जउने हमहीं पंचन काहीं परमातिमा के लघे लइ आमँय। मसीह सारीरिक रूप से त मारे गें, पय आत्मिक रूप से जिआय दीनगें।