अउर परमातिमा के सेबा हम अपने पूरे मन से उनखे लड़िका के खुसी के खबर काहीं सुनामँइ के बारे माहीं करित हएन, अउर उँइन हमार गबाह हें; कि हम तोंहईं पंचन काहीं लगीतार याद करत रहित हएन।
अउर जब हम पंचे निबल हएन, अउर तूँ पंचे बलमान हया, त हम पंचे आनन्द से भर जइत हएन, अउर इआ प्राथना घलाय करित हएन, कि तूँ पंचे पूरी तरह से बिसुआस माहीं मजबूत बन जा।
अउर तीतुस जब इआ सुध करत हें, कि तूँ पंचे कइसन उनखे बातन काहीं मानत रहे हया, अउर मारे डेरन के काँपत-काँपत, तूँ पंचे कइसन उनहीं सोइकार किहा तय, त तीतुस के प्रेम तोंहरे पंचन के खातिर अउरव बाढ़त जात हय।
हे पियार लड़िकव, जब तक तूँ पंचे पूरी तरह से मसीह कि नाईं नहीं बन जाते आह्या, तब तक हम तोंहरे पंचन के खातिर उहयमेर दुखन काहीं सहित हएन, जइसन लड़िका होंइ के समय मेहेरिअन के पीरा होत ही।
एसे हम उनहीं तोंहरे लघे पठयन हय, काहेकि उनखर मन तोंहरे ऊपर लगा रहत रहा हय, अउर ऊँ ब्याकुल रहत रहे हँय, कि तूँ पंचे उनखे बारे माहीं सुने हया, कि ऊँ बिमार हें।
हम पवलुस इआ चाहित हएन, कि तोंहईं पंचन काहीं इआ पता चलय, कि हम, तोंहरे खातिर, अउर लौदीकिया सहर के रहँइ बालेन के खातिर, अउर उन सगले मनइन के खातिर, जउन हमहीं कबहूँ नहीं देखिन, उनहूँ के खातिर, हम केतनी कठिन मेहनत करित हएन।
अउर उहयमेर हम पंचे तोंहऊँ से ममता के कारन, न केबल परमातिमा के खुसी के खबर के खातिर, बलकिन तोंहरेव खातिर, आपन-आपन प्रान देंइ के खातिर तइआर रहे हएन, एसे कि तूँ पंचे हमहीं पंचन काहीं खुब पियार होइ गया तय।
पय जेखे लघे संसार के सम्पत होय, अउर अपने भाई-बहिनी काहीं कंगाल देखिके, ओखे ऊपर तरस खाइके ओखर मदत न करय, त ओखे जीबन म परमातिमा के प्रेम हय, इआ कइसा कहा जाय सकत हय?