11 अउर जउन काम परमातिमा के नजर माहीं निकहे हँय, उनहीं तूँ पंचे करत रहा, जउने परमातिमा के बड़ाई अउर अराधना होत रहय, काहेकि यीसु मसीह के द्वारा परमातिमा अपने नजर माहीं तोंहईं धरमी बनाइन हीं।
उहयमेर से तोंहार पंचन के निकहे काम उँजिआर कि नाईं मनइन के आँगे चमकँइ, जउने ऊँ पंचे तोंहरे निकहे कामन काहीं देखिके स्वरग माहीं रहँइ बाले तोंहरे पिता परमातिमा के बड़ाई करँय।”
उआ पबित्र आत्मा हमरे पंचन के बारिसदार होंय के बयाना के रूप माहीं, उआ समय तक के खातिर हमहीं पंचन काहीं दीनगा हय, जब तक कि ऊँ हमहीं पंचन काहीं, जउन उनखर मोल लीन आहेन, पूरी तरह से छुटकारा नहीं दइ देंय, इआ कारन सगले मनई उनखे महानता के स्तुति करिहँय।
काहेकि हम पंचे परमातिमा के बनए आहेन; अउर ऊँ यीसु मसीह के द्वारा हमहीं पंचन काहीं एसे बनाइन हीं, कि हम पंचे निकहे कामन काहीं करी, जिनहीं परमातिमा पहिलेन से तइआर किहिन हीं, कि जउने हम पंचे उँइन कामन काहीं करत आपन जीबन बिताई।
अउर खुसी के खबर सगले संसार माहीं सफल होइके फइल रही हय, इआ उहयमेर होइ रहा हय, जइसन तोंहरे बीच माहीं इआ उहय समय से सफल होंइ लाग रहा हय, जउने दिना तूँ पंचे परमातिमा के किरपा के बारे माहीं सुने रह्या हय, अउर सचमुच माहीं समझ गया तय।
इआमेर से हमरे पंचन के प्रभू यीसु मसीह के नाम, तोंहरे जीबन के द्वारा आदर पाबय, अउर तूँ पंचे उनखे द्वारा, इआ सब कुछ परमातिमा अउर प्रभू यीसु के किरपा से होई।
हे तीतुस, तूँ सगले मसीही भाइन काहीं सिखाबा, कि ऊँ निकहे काम करत रहँय, जउने एक दुसरे के जरूरत काहीं पूर कइ सकँय, अउर उनखे कामन के व्दारा दुसरे लोगन काहीं फायदा मिलय।
पय जउने समय डाँट-फटकार कीन जात ही, उआ समय डाँट-फटकार नीक नहीं लागय, बलकिन ओसे खुब दुख लागत हय, तऊ जे कोऊ उआ डाँट-फटकार काहीं सहत-सहत मजबूत होइ जात हें, ओखे बाद उनहीं पंचन काहीं सान्ती के साथ निकहे कामन के प्रतिफल मिलत हय।
अउर तुहूँ पंचे खुदय जिअत पथरा कि नाईं, आत्मिक घर बनाए जाय रहे हया, जउने याजकन के पबित्र समाज बनिके, अइसन आत्मिक बलिदान चढ़ाबा, जउन यीसु मसीह के द्वारा परमातिमा काहीं सोइकार होय।
पय तूँ पंचे परमातिमा के चुने बंस आह्या, अउर राज पदधारी याजकन के समाज आह्या, अउर पबित्र मनई, अउर परमातिमा के खास प्रजा आह्या, अउर उँइन तोहईं पंचन काहीं, अँधिआर से निकारिके, अपने अदभुत जोति माहीं बोलाइन हीं, कि उनखे महिमा काहीं अपने जीबन से देखाबा।
अउर अगर मसीह के नाम के खातिर, मनई तोंहार पंचन के अपमान करत हें, त तूँ पंचे धन्य हया; काहेकि महिमा के आत्मा जउन परमातिमा के आत्मा आय, तोंहरे भीतर निबास करत हय।