Biblia Todo Logo
Bìoball air-loidhne

- Sanasan -

लूक़ा 17 - उर्दू हमअस्र तरजुमा


गुनाह, ईमान, फ़र्ज़

1 तब हुज़ूर ईसा ने अपने शागिर्दों से कहा: “ये नामुम्किन है के लोगों को ठोकरें न लगें लेकिन अफ़सोस है उस शख़्स पर जो इन ठोकरों का बाइस बना।

2 उस के लिये यही बेहतर था के चक्की का भारी सा भारी पत्थर उस की गर्दन से लटका कर उसे समुन्दर में फेंक दिया जाता ताके वह इन छोटों में से किसी के ठोकर खाने का बाइस न बनता।

3 पस ख़बरदार रहो। “अगर तेरा भाई या बहन गुनाह करता है तो उसे मलामत कर और अगर वह तौबा करे तो उसे मुआफ़ कर दे।

4 अगर वह एक दिन में सात दफ़ा भी तेरे ख़िलाफ़ गुनाह करे और सातों दफ़ा तेरे पास आकर कहे के, ‘मैं तौबा करता हूं,’ तो तू उसे मुआफ़ कर देना।”

5 रसूलों ने ख़ुदावन्द से कहा, “हमारे ईमान को बढ़ा।”

6 ख़ुदावन्द ने कहा, “अगर तुम्हारा ईमान राई के दाने के बराबर भी होता, तो तुम इस शहतूत के दरख़्त से कह सकते थे, ‘के यहां से उखड़ जा और समुन्दर में जा लग,’ तो वह तुम्हारा हुक्म मान लेता।

7 “फ़र्ज़ करो के तुम में से किसी एक के पास ख़ादिम है जो ज़मीन जोतता या भेड़ चराता और जब वह खेत से आये तो उसे कहे के, ‘जल्दी से मेरे पास आ जा और दस्तरख़्वान पर खाने बैठ जा’?

8 क्या वह ये न कहेगा, ‘मेरा खाना तय्यार कर, और जब तक मैं खा पी न लूं; कमर-बस्ता होकर मेरी ख़िदमत में लगा रहे। इस के बाद तू भी खा पी लेना’?

9 क्या वह इसलिये ख़ादिम का शुक्र अदा करेगा के उस ने वोही किया जो उसे करने को कहा गया था?

10 इसी तरह, जब तुम भी इन बातों की तामील कर चुको जिन के करने का तुम्हें हुक्म दिया गया था तो कहो, ‘के हम निकम्मे ख़ादिम हैं; जो काम हमें दिया गया था हम ने वोही किया।’ ”


दस कोढ़ियों का शिफ़ा पाना

11 हुज़ूर ईसा यरूशलेम की तरफ़ सफ़र करते हुए सामरिया और गलील की सरहद से होकर गुज़र रहे थे।

12 जब वह एक गांव में दाख़िल हुए तो उन्हें दस कोढ़ी मिले जो दूर खड़े हुए थे।

13 उन्होंने बुलन्द आवाज़ से कहा, “ऐ हुज़ूर ईसा, ऐ आक़ा, हम पर रहम कीजिये!”

14 हुज़ूर ईसा ने उन्हें देखकर कहा, “जाओ, अपने आप को काहिनों को दिखाओ और ऐसा हुआ के वह जाते-जाते कोढ़ से पाक साफ़ हो गये।”

15 लेकिन उन में से एक ये देखकर के वह शिफ़ा पा गया, बुलन्द आवाज़ से ख़ुदा की तम्जीद करता हुआ वापस आया

16 और हुज़ूर ईसा के क़दमों में मुंह के बल गिरकर उन का शुक्र अदा करने लगा। ये आदमी सामरी था।

17 हुज़ूर ईसा ने उस से पूछा, “क्या दसों कोढ़ से पाक साफ़ नहीं हुए? फिर वह नौ कहां हैं?

18 क्या इस परदेसी के सिवा दूसरों को इतनी तौफ़ीक़ भी न मिली के लौट कर ख़ुदा की तम्जीद करते?”

19 तब हुज़ूर ईसा ने उस से कहा, “उठ और रुख़्सत हो, तेरे ईमान ने तुझे शिफ़ा दी है।”


ख़ुदा की बादशाही

20 एक बार फ़रीसियों ने हुज़ूर ईसा से पूछा के ख़ुदा की बादशाही कब आयेगी? हुज़ूर ईसा ने उन्हें जवाब दिया, “ख़ुदा की बादशाही ऐसी नहीं के लोग उसे आता देख सकें,

21 और कह सकें के देखो ‘वह यहां है,’ या ‘वहां है,’ लेकिन ख़ुदा की बादशाही तुम्हारे दरमियान में है।”

22 तब आप ने अपने शागिर्दों से कहा, “वह दिन भी आने वाले हैं जब तुम इब्न-ए-आदम के दिनों में से एक दिन को देखने की आरज़ू करोगे मगर न देख पाओगे।

23 लोग तुम से कहेंगे, ‘के देखो वह वहां है!’ या ‘देखो वह यहां है!’ मगर तुम इधर भागते हुए उन के पीछे मत जाना।

24 क्यूंके जैसे बिजली आसमान में कौन्द कर एक जानिब से दूसरी तरफ़ चमकती चली जाती है वैसे ही इब्न-ए-आदम अपने मुक़र्ररः दिन ज़ाहिर होगा।

25 लेकिन लाज़िम है के पहले वह बहुत दुख उठाये और इस ज़माने के लोगों की जानिब से रद्द किया जाये।

26 “और जैसा हज़रत नूह के दिनों में हुआ था, वैसा ही इब्न-ए-आदम के दिनों में होगा।

27 के लोग खाते पीते थे और शादी ब्याह नूह के लकड़ी वाले पानी के जहाज़ में दाख़िल होने के दिन तक करते कराते थे। फिर सैलाब आया और उस ने सब को हलाक कर दिया।

28 “और ऐसा ही हज़रत लूत के दिनों में हुआ था के लोग खाने-पीने, ख़रीद-ओ-फ़रोख़्त करने, दरख़्त लगाने और मकान तामीर करने में मश्ग़ूल थे।

29 लेकिन जिस दिन हज़रत लूत, सदूम से बाहर निकले, आग और गन्धक ने आसमान से बरस कर सब को हलाक कर डाला।

30 “उसी तरह इब्न-ए-आदम के ज़ाहिर होने के दिन भी ऐसा ही होगा।

31 उस दिन जो छत पर और उस का माल-ओ-अस्बाब घर के अन्दर में, वह उसे लेने के लिये नीचे न उतरे। जो खेत में वह भी किसी चीज़ के लिये वापस न जाये।

32 हज़रत लूत की बीवी को याद रखो।

33 जो कोई मेरी ख़ातिर अपनी जान बाक़ी रखने की कोशिश करेगा वह उसे खोयेगा और जो कोई उसे खोयेगा, उसे बचाएगा।

34 मैं कहता हूं के उस रात दो लोग चारपाई पर होंगे, एक ले लिया जायेगा और दूसरा वहीं छोड़ दिया जायेगा।

35 दो औरतें मिल कर चक्की पीसती होंगी, एक ले ली जायेगी और दूसरी वहीं छोड़ दी जायेगी।

36 दो आदमी खेत में होंगे। एक ले लिया जायेगा और दूसरा छोड़ दिया जायेगा।”

37 उन्होंने आप से पूछा, “ऐ ख़ुदावन्द, ये कहां होगा?” हुज़ूर ईसा ने उन्हें जवाब दिया, “जहां लाशें होंगी, वहां गिद्ध भी जमा हो जायेंगे।”

उर्दू हमअस्र तरजुमा™ नया अह्दनामा

हक़ इशाअत © 1999, 2005, 2022 Biblica, Inc.

की इजाज़त से इस्तिमाल किया जाता है। दुनिया भर में तमाम हक़ महफ़ूज़।

Urdu Contemporary Version™ New Testament (Devanagari Edition)

Copyright © 1999, 2005, 2022 by Biblica, Inc.

Used with permission. All rights reserved worldwide.

Biblica, Inc.
Lean sinn:



Sanasan