इबरानियों 8 - उर्दू हमअस्र तरजुमानये अह्द का आला काहिन 1 जो बातें हम अब कह रहे हैं उस में बड़ी बात ये है के हमारा ऐसा आला काहिन है जो आसमान पर क़ादिर-ए-मुतलक़ ख़ुदा के दाहिनी तरफ़ तख़्त-नशीन हुए। 2 और उस पाक-मक़्दिस और हक़ीक़ी मुलाक़ात के ख़ेमे में ख़िदमत को अन्जाम देता है जिसे किसी इन्सान ने नहीं बल्के ख़ुद ख़ुदावन्द ने खड़ा किया है। 3 चूंके हर आला काहिन ख़ुदा को नज़्राने और क़ुर्बानियां पेश करने के लिये मुक़र्रर किया जाता है। इसलिये ज़रूरी था के हमारे आला काहिन के पास भी पेश करने के लिये कुछ हो। 4 और अगर वह ज़मीन पर होता तो हरगिज़ काहिन न होता क्यूंके यहां शरीअत के मुताबिक़ नज़्राने पेश करने वाले का काहिन मौजूद हैं। 5 जो उस पाक-मक़्दिस में ख़िदमत करते हैं जो आसमानी मक़्दिस की नक़्ल और उस का अक्स है। यही वजह है के जब हज़रत मूसा ख़ेमा बनाने को थे तो ख़ुदा ने उन्हें हिदायत दी, “देख, जो नमूना तुझे पहाड़ पर दिखाया गया था उसी के मुताबिक़ सब चीज़ें बनना।” 6 मगर जो ख़िदमत अब हुज़ूर ईसा को बतौर काहिन हासिल हुई है वो उस पुराने कहानत से ज़्यादा अफ़ज़ल है, क्यूंके जिस अह्द का वो दरमियानी है वो पुराने अह्द से ज़्यादा अफ़ज़ल है क्यूंके ये नया अह्द बेहतर वादों की बुनियाद पर बांधा गया है। 7 क्यूंके अगर पहले अह्द में ख़ामी न होती तो दूसरे अह्द की ज़रूरत न पड़ती। 8 लेकिन ख़ुदा उस पुश्त के लोगों में ख़ामियां पा कर फ़रमाता है: “देखो! वह दिन आ रहे हैं, जब मैं इस्राईल के घराने और यहूदाह के घराने के साथ एक नया अह्द बांधूंगा। 9 यह उस अह्द की मानिन्द न होगा जो मैंने उन के बाप दादा से उस वक़्त बांधा था, जब मैंने मुल्क मिस्र से उन्हें निकाल लाने के लिये उन का हाथ पकड़ा था, क्यूंके वह मेरे उस अह्द के वफ़ादार न रहे, ख़ुदावन्द फ़रमाता है के इसलिये मैं भी उन से दूर हो गया। 10 ख़ुदावन्द फ़रमाता है के जो अह्द मैं इस्राईल के घराने के साथ उन दिनों के बाद बांधूंगा वह यह है के मैं अपने क़वानीन उन के दिलों में डालूंगा और उन के ज़हनों पर नक़्श कर दूंगा। मैं उन का ख़ुदा होंगा, और वह मेरी उम्मत होंगे। 11 और हर शख़्स अपने हमसाये को या अपने भाई को यह तालीम न देगा के, ‘तुम ख़ुदावन्द को पहचानो,’ क्यूंके छोटे से बड़े तक, सब मुझे पहचान लेंगे। 12 इसलिये के मैं उन की बदकारियों को बख़्श दूंगा और उन के गुनाहों को फिर कभी याद न करूंगा।” 13 जब ख़ुदा ने “नये,” अह्द का ज़िक्र करता है तो वो पुराने अह्द को रद्द कर देता है और जो शै पुरानी और मुद्दत की हो जाती है वो जल्दी मिट जाती है। |
उर्दू हमअस्र तरजुमा™ नया अह्दनामा
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की इजाज़त से इस्तिमाल किया जाता है। दुनिया भर में तमाम हक़ महफ़ूज़।
Urdu Contemporary Version™ New Testament (Devanagari Edition)
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