2 कुरि 6 - उर्दू हमअस्र तरजुमा1 हम जो ख़ुदा के काम में शरीक हैं तुम्हारी मिन्नत करते हैं के ख़ुदा के इस फ़ज़ल को जो ज़ाए न होने दो। 2 क्यूंके ख़ुदा फ़रमाता है, “मैंने क़बूलियत के वक़्त तेरी सुन ली, और नजात के दिन तेरी मदद की।” देखो! क़बूलियत का वक़्त यही है और नजात का दिन आज ही है। पौलुस की मुश्किलात 3 हम नहीं चाहते के हमारी इस ख़िदमत पर हर्फ़ आये इसलिये हम कोशिश करते हैं के किसी के लिये रुकावट पैदा न करें। 4 बल्के हर बात से यह ज़ाहिर करने की कोशिश करते हैं के हम ख़ुदा के ख़ादिम हैं: हम ने बड़े सब्र से मुसीबत; एहतियाज और तंगी का सामना किया; 5 कोड़े खाये, क़ैद हुए, हंगामों से दो-चार हुए, मशक़्क़त की, अपनी नींद हराम की, भूके रहे; 6 हम पाकीज़गी से, इल्म से, तहम्मुल से, मेहरबानी से; पाक रूह से, सच्ची महब्बत से; 7 कलाम हक़ से, ख़ुदा की क़ुदरत से; रास्तबाज़ी के हथियारों के वसीले से जो हमारे दाएं और बाएं हैं; 8 हमारी इज़्ज़त भी की जाती है और बेइज़्ज़ती भी, हम बदनाम हैं और नेकनाम भी, हम सच्चे हैं फिर भी हमें दग़ाबाज़ समझा जाता है; 9 गुमनाम हैं तो भी मशहूर हैं; मुर्दों की तरह हैं फिर भी ज़िन्दा हैं; मार खाते रहते हैं मगर हलाक नहीं किये जाते; 10 ग़मगीनी की मानिन्द हैं, मगर हमेशा ख़ुश रहते हैं; कंगाल दिखाई देते हैं मगर बहुतेरों को दौलतमन्द बना देते हैं; नादारों की मानिन्द हैं मगर सब कुछ रखते हैं। 11 कुरिनथुस वालो! हम ने तुम से खुल कर बातें की हैं, बल्के अपना दिल खोल कर रख दिया है। 12 हमारे हां तुम्हारे लिये तंग दिली नहीं है, लेकिन तुम्हारे ही दिमाग़ तज़बज़ब का शिकार हैं। 13 मैं तुम्हें अपना फ़र्ज़न्द जान कर यह कहता हूं के तुम भी हमारी तरह कुशादा दिल हो जाओ। मोमिनीन और ग़ैर मोमिनीन के माबैन सुलह नामुम्किन 14 बेएतक़ादों के साथ नाहमवार जूए में न जुतो। क्यूंके रास्तबाज़ी और बेदीनी में किया मेल-जोल? या रोशनी और तारीकी में क्या शिराकत? 15 अलमसीह को बलीआल से क्या मुवाफ़क़त? ईमान वालों का बेएतक़ादों से क्या वास्ता? 16 ख़ुदा के मक़्दिस को बुतों से किया मुनासबत? ज़िन्दा ख़ुदा का मक़्दिस तो हम हैं जैसा के ख़ुदा ने फ़रमाया है: “मैं उन में बसूंगा और उन के दरमियान चला फिरा करूंगा। मैं उन का ख़ुदा होंगा और वह मेरी उम्मत होंगे।” 17 लिहाज़ा, “ख़ुदावन्द ख़ुद फ़रमाता है। उन में से बाहर निकल आओ, अलैहदा हो जाओ। और जो चीज़ नापाक है उसे मत छूओ, तब मैं तुम्हें क़बूल करूंगा।” 18 और, “मैं तुम्हारा बाप होंगा, और तुम मेरे बेटे, बेटियां होगे, यह क़ौल ख़ुदावन्द क़ादिर-ए-मुतलक़ का है।” |
उर्दू हमअस्र तरजुमा™ नया अह्दनामा
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की इजाज़त से इस्तिमाल किया जाता है। दुनिया भर में तमाम हक़ महफ़ूज़।
Urdu Contemporary Version™ New Testament (Devanagari Edition)
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