1 थिस्स 5 - उर्दू हमअस्र तरजुमाअलमसीह की आमद का दिन 1 अब, ऐ भाईयो और बहनों! हमें वक़्त और तारीख़ों की बाबत तुम्हें लिखने की कोई ज़रूरत नहीं। 2 क्यूंके तुम अच्छी तरह जानते हो के ख़ुदावन्द के लौटने का दिन रात के चोर की मानिन्द अचानक आ जायेगा। 3 जब लोग कह रहे होंगे के अब, “अमन और सलामती है,” उसी वक़्त उन पर अचानक हलाकत इस तरह आ जायेगी जिस तरह हामिला औरत को दर्देज़ेह शुरू हो जाता है और वह हरगिज़ न बचेंगे। 4 लेकिन ऐ भाईयो और बहनों! तुम तारीकी में न रहो के वह दिन चोर की मानिन्द अचानक तुम पर आ जाये और तुम्हें हैरत में डाल दे। 5 क्यूंके तुम सब तो नूर के फ़र्ज़न्द और दिन के फ़र्ज़न्द हो; हम न तो रात के हैं और न तारीकी के हैं। 6 लिहाज़ा हम दूसरों की तरह सोते न रहें बल्के जागते और होशयार रहें। 7 क्यूंके जो सोते हैं वह रात को सोते हैं और जो मतवाले होते हैं वह भी रात को होते हैं। 8 चूंके हम दिन के हैं इसलिये हम ईमान और महब्बत का बकतर लगा कर और नजात की उम्मीद का ख़ोद यानी टोपी पहन कर होशयार रहें। 9 क्यूंके ख़ुदा ने हमें अपने ग़ज़ब के लिये नहीं बल्के हमारे ख़ुदावन्द ईसा अलमसीह के वसीले से नजात हासिल करने के लिये मुक़र्रर किया है। 10 और हुज़ूर ईसा अलमसीह ने हमारी ख़ातिर इसलिये जान दी के ख़्वाह हम ज़िन्दा हों या मुर्दा, हम सब मिल कर हुज़ूर ईसा के साथ ही जियें। 11 इसलिये तुम एक दूसरे की हौसला अफ़्ज़ाई करो और तरक़्क़ी का बाइस बनो, जैसा के तुम कर रहे हो। आख़िरी नसीहत 12 अब ऐ भाईयो और बहनों! हम तुम से दरख़्वास्त करते हैं के उन लोगों की क़दर करो जो तुम्हारे दरमियान सख़्त मेहनत कर रहे हैं और ख़ुदावन्द में जो तुम्हारे पेशवा हैं और तुम्हें नसीहत करते हैं। 13 उन की ख़िदमत के सबब से महब्बत के साथ उन की ख़ूब इज़्ज़त किया करो। और आपस में एक दूसरे के साथ अमन और सलामती से रहो। 14 और ऐ भाईयो और बहनों! काहिल और बेक़ाइदा चलने वालों को समझाओ, बुज़दिल को हिम्मत दो और कमज़ोरों की मदद करो और सब के साथ तहम्मुल से पेश आओ। 15 ख़बरदार! कोई शख़्स किसी से बदी के बदले बदी न करे बल्के हर वक़्त आपस में और सब के साथ नेकी करने की कोशिश में लगे रहो। 16 हर वक़्त ख़ुश रहो। 17 बुला नाग़ा दुआ करो। 18 हर हालात में शुक्र गुज़ारी करो क्यूंके ख़ुदावन्द अलमसीह ईसा में तुम्हारे लिये ख़ुदा की यही मर्ज़ी है। 19 पाक रूह को मत बुझाओ। 20 नुबुव्वतों की हक़ारत न करो। 21 हर बात को आज़माओ, जो अच्छी हो उसे पकड़े रहो। 22 हर तरह की बदी से दूर रहो। 23 अमन का ख़ुदा ख़ुद ही तुम्हें मुकम्मल तौर से पाक करे; और तुम्हारी रूह, जान और जिस्म को पूरी तरह हमारे ख़ुदावन्द ईसा अलमसीह के आने तक बेऐब महफ़ूज़ रखे। 24 तुम्हारा बुलाने वाला सच्चा है। वह ऐसा ही करेगा। 25 ऐ भाईयो और बहनों! हमारे लिये भी दुआ करते रहना। 26 ख़ुदा के सब मुक़द्दसीन भाईयों को पाक बोसे के साथ मेरा सलाम कहना। 27 मैं ख़ुदावन्द के नाम से तुम्हें हिदायत देता हूं के वहां के सब मसीही भाईयों को यह ख़त पढ़ कर सुनाया जाये। 28 हमारे ख़ुदावन्द ईसा अलमसीह का फ़ज़ल तुम सब पर होता रहे। |
उर्दू हमअस्र तरजुमा™ नया अह्दनामा
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की इजाज़त से इस्तिमाल किया जाता है। दुनिया भर में तमाम हक़ महफ़ूज़।
Urdu Contemporary Version™ New Testament (Devanagari Edition)
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