2 तीमुथियुस 4 - Sirmouri1 पंण्मिश्वर अरह् मसीया यीशू हाजीर जाँणियों, जुण्जे जीऊँदे अरह् मँरे अँदे का नियाँव कर्ले; अरह् तिनके हजो पर्गट् हंणों गाशी तिनको राज नंजीक असो, ऐजो जाणियों हाँव ताँव खे ऐजी ऐक खास अज्ञाँ देंऊँ। 2 के तू बचन का प्रचार करह्, अरह् कोसी भी हाल दा तैयार रंह्, हर ढंग के संऐनशिल्त्ता, अरह् शिक्क्षा आरी, हिमम्त्त दे, अरह् डाँट-झाड़ अरह् संहमझाऐ दे। 3 किन्देंखे के ऐशा बख्त्त आला, के लोग आछ़ी शिक्क्षा संऐन ने करी सको, परह् काँन के काचे हंणों के कारण आप्णी मंन की हिछ़या के मुँताबिक शे आप्खे बैजाऐ भहिते शिक्क्षा देणों वाल़े कठै कर्ले, 4 अरह् आप्णे काँन सच्चाई शे से फेरी देले, अरह् कथा-काँहणी दा आप्णाँ ध्याँन लाले। 5 परह् तू बादी बातो दा च़ौक्क्ष रूऐ, दु:ख संऐ पाऐ, अरह् खुषख्बरी का प्रचार के काँम-काज़ करे, अरह् जुण्जी सेवा ताँव कैई देऐ थऐ, तियों सेवा तू पुरी करे। 6 किन्देंखे के ऐबे मेरी बल़ी जेऐ चड़ाऐ लंऐ, अरह् ऐबे मेरा निक्ल़णों का बख्त आई पुज़ा। 7 मुँऐ आच्छ़ी कुष्ती लड़ी थऐ, मुँऐं आप्णी दौड़ पुरी करी पाऐ, मुँऐ बिश्वाष की देख-भाल़ करी थऐ। 8 आँणों वाल़े बख्तो दो मुँखे तअ धार्मिक्त्ता को मुँकुट थऐ थो, जैथु प्रभू ऐ, जू धर्मी अरह् नियाँव कर्णो वाल़ा असो, से मुँखे तेसी देसे देंदे, अरह् मुँखे ही ने, परह् तिनू सोभिखे भे जुण्जे तिनकों पर्गट हंणों प्यारो जाँणों। आप्णे ढंबे शी शिक्क्षा 9 मुँह कैई शिघे आँणों की कोशिष करह्। 10 किन्देंखे के भाई-देमास ऐ तअ ईयों संईसारी प्यारी जाँणियों मुँह छुड़ी दिता, अरह् थिस्सलुनीकियों नंगर खे हुटी गुवा, अरह् भाऐ-क्रेसकेंस गलातियों नंगर के ढंबै हुटा, अरह् संत्त-तीतुस दलमतिया ईलाके खे हुटा। 11 सिर्फ संत्त-लूका मेरी गईलो असो, अरह् तू संत्त-मरकुस आप्णी गईलो आँणें; किन्देंखे के सेवा कर्णो खे से मेरे बह्ड़े काँम आँदा। 12 भाऐ-तुखिकुस मुँऐ इफिसुस नंगर खे डेयाल़ी थुवा। 13 अरह् जुण्जा च़ौग्गा मुँऐ त्रूआस नंगर दा भाऐ-करपुस कागी छुड़ी थुवा थिया, जबे तू ईथै खे आईला, तअ सेजा मेरा च़ौग्गा, कताबे, अरह् खास करियों धर्म की च़ींरी-बंई की पत्री भे ऊँडी आँणें। 14 सिकन्दर कशाकरी ऐ मुँह आरी बैजाऐ बुरो करी थो; प्रभू तेस कैई शा तेस्के काँम-काज़ के मुँताबिक बद्ल़ा लंह्दा। 15 तू भे तैच्छ़ा च़ौक्क्ष रूऐ, किन्देंखे के तेने अमाँरी बातो का बैजाऐ बिरूध करी थुवा। 16 शुरू दा जबे मुँऐं आप्णा बंचाव करणा चाया, तअ मेरी ढबे शा कुँऐं भे मेरी मंद्दत्त करदा ने आई; परह् सोभिऐ मुँह ऐकली छुड़ा, पंण्मिश्वर ऐशो करह् के कोसी भे तिन्देका किऐ भे लेखा-ज़ोंखा ने देणाँ पड़ो! 17 परह् प्रभू मेरे मंद्दत्तगार रूऐ, अरह् मुँखें शँक्त्ति दिती, जू मेरी जाँणें खुषख्बरी का पुरा-पुरा प्रचार हों, अरह् बादे गऐर यहूदी लोग शुँणीं पाँव; अरह मुँह सीयों के ज़ात्ती शा जिया छ़ुडाया गुवा। 18 अरह् प्रभू मुँह ऐक नाँम बुरे काँम शा छुड़ाऐ देले; अरह् मुँह आप्णें स्वर्गो के राज्य दा सुवाँ करियों पंईचाल़ी देले; तिनकी ही बड़ियाऐ ज़ूगौ-ज़ूगौ दी हंदी रंह्। आमीन। आखरी धन्यबाद 19 बंईणं-प्रिस्का अरह् भाऐ-अक्विला खे अरह् भाई-उनेसिफुरूस के घराने खे मेरा नमंष्कार। 20 भाऐ-इरास्तुस कुरिन्थियों नंगर दा रंऐ गुवा, अरह् भाऐ-त्रफिमुस मुँऐ मीलेतुस नंगर दा बीमार छुड़ी थुवा। 21 हेंऊँदो शेल़े शा आगे आँणों की कोशिष करह्; भाऐ-यूबूलुस, अरह् भाऐ-पूदेंस, अरह् भाऐ-लीनुस, बंईण-क्लौदिया, अरह् बादे बिश्वाषी भाऐ-बंईणों का ताँव्खे नमंष्कार। 22 प्रभू तेरी आत्त्मा की गईलो रंह्; अरह् ताँव गाशी तिनकी कृपा हंदी रंह्। |
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