शधाणूं 28 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधानमाल्टा टापू दी पल़सी 1 ज़ांऊं हाम्हैं सोभै राज़ी राम्बल़ै बाढै पुजै, ता तेखअ लागअ हाम्हां का थोघ कि एऊ टापू लै बोला माल्टा टापू। 2 तिन्नैं ज़ंगली लोगै की हाम्हां लै नुआहरी झ़ूरी। किल्हैकि हिंऊंदे धैल़ै त सरग लागअ द और शेल़ै-ठांढै ज़ाल़ी तिन्नैं हाम्हां सोभी लै आग और हाम्हैं डाहै आप्पू सेटा। 3 ज़ांऊं पल़सी झ़ुको बरिंडअ झाल़ी करै आगीए घैनै दी पाअ, ता एक झ़रीली दानअ निखल़ी आगीए गरमीं करै और सह पल़ेठुई पल़सीए हाथै। 4 ज़ांऊं तिन्नैं ज़ंगली दानअ तेऊए हाथै च़ुंढुई दी भाल़ी, ता तिंयां लागै आप्पू मांझ़ै गल्ला करी बोलदै, “अह आसा सच्च़ी हत्या करनै आल़अ, अह समुंदरा का ता बच़अ पर म्हारी न्याय-देबी निं च़ाहंदी कि अह ज़िऊंदअ रहे।” 5 तेखअ शोटी पल़सी सह दानअ आगी जैंदरी, और तेऊ निं किछ़ै हान्नी हुई। 6 पर तिंयां रहै न्हैल़ै लागी कि अह शुआणअ-धुआणअ और तेभी बदल़णअ धरनीं और तेखअ शोटणै एऊ प्राण। पर ज़ांऊं तिंयां खास्सी घल़ी भाल़ै रहै लागी और तिन्नैं भाल़अ कि तेऊ निं किछ़ै हुअ ता तिन्नैं सोठअ आपणैं मनैं इहअ कि अह आसा कोई देअ। 7 तेसा ज़ैगा ओरी-पोरी ती पुबलिऊस नांओंऐं तेऊ टापुए प्रधाने ज़िम्मीं, तेऊ हाम्हैं आपणैं घरा लै निंईं करै चिई धैल़ै की बडी झ़ूरी दी म्हारी पाहुंणच़ारी। 8 पुबलिऊस प्रधाने बाप्पू त ज़ौर और दस्त लागै दै और सह च़ैन्नै दी पल़अ द, पल़सी तेऊए घरै डेऊई करै की तेऊ लै प्राथणां, और तेऊ दी हाथ लाई करै किअ सह राम्बल़अ। 9 ज़ांऊं इहअ हुअ ता तेऊ टापू दी आऐ होर बमार बी सोभ पल़सी सेटा और तिंयां बी किऐ तेऊ राम्बल़ै। 10 तिन्नैं सोभी की म्हारी इज़त, और ज़ांऊं हाम्हैं तिधा का आजू च़ाल्लै तै डेऊई ता ज़ुंण किछ़ बी हाम्हां ज़रुरत ती, तिन्नैं डाही तिंयां सोभै गल्ला ज़हाज़ा दी। माल्टा टापू का रोम देशा बाखा लै 11 माल्टा टापू दी चिई भिन्नैं बाद बेठै हाम्हैं सिकंदरीया नगरीए एकी ज़हाज़ा दी और च़लै आजू, सह ज़हाज़ त तेऊ टापू दी हिंऊंद धैल़ै काटदअ खल़्हुअ द। तेऊ ज़हाज़े मोहरै दी त नछ़ैण “दोगल़ भाई” देओए मुर्ति। 12 सारकुस नगरी पुजी करै रहै हाम्हैं लंगर पाई चिई धैल़ै तिधी। 13 तिधा का आऐ हाम्हैं फेर दैई करै रेगियम नगरी और एकी धैल़ै बाद च़ली दखण बाखा बागरी और तेखअ पुजै दुजै धैल़ै पुतियुली नगरी। 14 तिधी मिलै हाम्हैं होरी विश्वासी भाई का और तिन्नें बोल़णैं दी रहै हाम्हैं एकी हबतै तिधी, तिधा का पुजै हाम्हैं खिरी मसा जाई करै रोम। 15 तिधा का आऐ विश्वासी भाई म्हारअ समाद शूणीं करै गराऊंए च़फै चिई सराऐ नगरी तैणीं हाम्हां मिलदै। तिन्नां भाल़ी किअ पल़सी परमेशरो शूकर और तिन्नां लै दैनअ हैअ विश्वास। 16 ज़ांऊं हाम्हैं रोम पुजै, ता पल़सी लै दैनअ तेऊ सपाही संघै ज़ुदै ज़िहै एकी रहणैंओ हुकम ज़ुंण तेऊए हेर-सभाल़ करा त। रोम देशै पल़सी 17 चिई धैल़ै बाद शादै तेऊ यहूदी लोगे बडै लोग और ज़ांऊं तिंयां कठा हुऐ ता तिन्नां का बोलअ, “भाईओ, मंऐं निं आपणैं लोगा और आपणैं पित्तरे बभारे खलाफ किछ़ै किअ, तैबी सभाल़अ कैदी हई करै हुंह येरुशलेम नगरी का रोम सरकारी सपाही का। 18 तिन्नैं च़ाहअ हुंह मेरी पुछ़-ज़ाच़ करी करै छ़ाडणअ बी, किल्हैकि मुल्है निं मौत दैणैं जोगी किछ़ै दोश त। 19 “पर ज़ांऊं यहूदी मुखियै एते बरोधा दी बोलदै लागै तेखअ पल़ी मुंह माहा राज़ै सेटा एछणें अरज़ करनी। एते तैणीं निं कि मुंह शाचअ आपणैं लोगा लै दोश लाणअ त। 20 तैही आसा मंऐं तम्हैं शादै दै कि तम्हां का मिलूं और एसा गल्ला खोज़ी सकूं कि हुंह आसा एता पिछ़ू कैद किअ द। किल्हैकि हुंह करा विश्वास कि ज़ेही इस्राएली मसीहा एछणें आशा आसा सह मुक्कअ एछी।” 21 तिन्नैं यहूदी मुखियै बोलअ पल़सी लै, “नां हाम्हां तेरै बारै यहूदा लाक्कै का च़िठी भेटी, नां होरी भाई मांझ़ै तेरै बारै किज़ै खोज़अ और नां बूरअ बोलअ। 22 सह च़ाहा हाम्हैं ताखा शुणनअ, किल्हैकि हाम्हां का आसा थोघ कि कई ज़ैगा बोला एऊ मत्ते बारै लोग बरोधा दी गल्ला।” 23 तेखअ काढी तिन्नैं तेऊ लै एक धैल़ी और बडै भारी लोग हुऐ तेऊ सेटा कठा। पल़सी परमेशरे राज़े गवाही दैंदी, और परमेशरे गूर मुसा खोज़ै दै बधाना और परमेशरे होरी गूरे कताबा का प्रभू ईशूए बारै समझ़ाऊंदी रहअ दोती का उडै तैणीं रह खोज़दअ लागी। 24 तेखअ मनी कई तिंयां गल्ला, और कई निं विश्वास किअ। 25 इहअ करै निं तिंयां आप्पू मांझ़ै एक मत्त हई सकै। तेखअ नाठै तिंयां पल़सीए एसा गल्ले बोल़णैं दी तिधा का, “पबित्र आत्मां आसा परमेशरे गूर याशायाहे कताबा दी थारै पित्तरा का ठीक ई बोलअ द, (याशायाह 6:9-10) ‘डेऊ इना लोगा लै बोल, 26 तम्हैं शुणदै ता रहणैं, पर नांईं समझ़णैं, भाल़ै ता रहणैं, पर भुझ़ी निं सकदै। 27 किल्हैकि इना लोगो मन आसा काठअ और इने कान आसा गरकै हुऐ दै। इनै आसा आपणीं आछी बंद डाही दी करी। इहअ निं हआ कि तिंयां आपणीं आछी का भाल़े, काना का शुणें और मना का समझ़े, और मुंह बाखा फिरे और हुंह तिन्नां राम्बल़ै करूं!’ 28 “तै तम्हैं समझ़ा, कि परमेशरे एऊ उद्धारे कथ्या छ़ाडी होरी ज़ाती सेटा लै और तिन्नां शुणनी बी मनणी बी।” (भज़न 67:2; 98:3; याशायाह 40:5) 29 ज़ांऊं पल़सी इहअ बोलअ ता यहूदी लागै आप्पू मांझ़ै हठल़दै और तिधा का नाठै। 30 तेखअ रहअ पल़सी पूरी दूई साला तैणीं आपणैं कराऊऐ दैई करै एकी घरा दी। 31 ज़ुंण तेऊ सेटा एछा तै, सह रहअ तिन्नां संघै मिलदअ लागी और बाझ़ी रोक-टोक और नडरै हई करै परमेशरे राज़ो रहअ प्रच़ार करदअ लागी और मसीहा ईशू प्रभूए गल्ला सखाऊंदअ लागी। |
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