1 तिमुतुस 1 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधानअदर 1 एसा च़िठी लिखणैं आल़अ आसा हुंह पल़सी। म्हारै उद्धार करनै आल़ै परमेशरो हुकम और प्रभू ईशू मसीहा ज़हा का हाम्हां आजू आशा आसा तेऊ छ़ांटअ हुंह पल़सी शधाणूं हणां लै। 2 हुंह लिखा ऐहा च़िठी तिमुतुसा लै। तूह आसा मुल्है मेरै शोहरू ज़िहअ किल्हैकि तूह करा मसीहा दी विश्वास ज़िहअ हुंह करा। म्हारै बाप्पू परमेशर और प्रभू ईशू मसीहा का आसा मेरी एही अरज़ कि ताल्है लोल़ी तेऊओ जश, झींण और शांती सदा हुई। झ़ुठै गूरूए खलाफ चतैनगी 3-4 तिमुतुस, ज़िहअ ताखा थोघ बी आसा कि तिधी इफिसुस नगरी आसा कई इहै मणछ बी ज़ुंण झ़ुठी शिक्षा दैआ। तिंयां दैआ कबल्ली झ़ुठी कथ्या और खांनदानीए बारै बडी-बडी बही खोज़ी शिक्षा। ज़ांऊं हुंह इफिसुस नगरी का मकिदुनिया लाक्कै डेऊणा लै तैर्हुअ ता मंऐं बोलअ ताल्है इफिसुस नगरी रहणा लै और तिन्नां लोगा समझ़ाऊंणा लै कि तिन्नां लोगा लै बोलै इहअ कि एही शिक्षा निं दैआ। ज़ांऊं तिंयां एही शिक्षा दैआ, लोग हआ तिन्नें बारै हठल़दै लागै दै। एतो नतिज़अ निखल़ा इहअ कि तिंयां निं परमेशरे काम करना लै दुजे मज़त करदै ज़ेता तिंयां सिधअ परमेशरा दी विश्वास डाही करै ई सका करी। 5 मेरअ ताल्है इहअ करना लै बोल़णैंओ मकसद आसा इहअ कि तम्हैं विश्वासी करै एकी दुजै संघै भली सोर शुचै मनैं पूरै भरोस्सै डाही झ़ूरी। 6 झ़ुठी शिक्षा दैणैं आल़ै छ़ाडी ईंयां सोभै गल्ला करनी और तिंयां करा सिधी बेकार गल्ला। 7 तिंयां च़ाहा शास्त्री हणअ, और तिंयां ज़ुंण गल्ला मज़बुती संघै बोला, तिन्नां निं तिंयां समझ़दै आथी। 8 हाम्हां का आसा थोघ कि, ज़ै बधान आसा भलअ ज़ै हाम्हैं तिहअ करे ज़िहअ बधाने साबै किअ लोल़ी। 9 हाम्हां का आसा थोघ कि मुसा गूरे बधानो मकसद निं तिन्नां लै आथी ज़ुंण भलअ करा। अह आसा तिन्नां लै ज़ुंण परमेशरे बधाने खलाफ आसा, ज़ुंण परमेशरा नांईं मंदै और कबल्लै पाप करा, ज़ुंण बूरै मणछ आसा, ज़ुंण परमेशरो अदर निं करदै और ज़ुंण आपणैं आम्मां-बाप्पू और होरी मारी पाआ। 10 तिन्नां लै बी आसा बधान ज़ुंण कंज़रै आसा, मर्धे देही झ़ूरनै आल़ै, मणछ च़ोरी करै गुलामीं लै बेच़णैं आल़ै लै, झ़ुठअ बोल़णैं आल़ै और ज़ुंण शुचै बोल़णें सोह काढी करै बी झ़ुठअ बोला और इना छ़ाडी तिन्नां लै बी ज़ुंण शुची शिक्षे खलाफ आसा। 11 अह शिक्षा आसा खुशीए समादे साबै तेऊ प्रतपे बारै ज़ुंण महान परमेशरे आसा। परमेशरै दैनअ मुल्है सह खुशीओ समाद होरी का खोज़णा लै। पल़सी करा परमेशरे झींण करना लै शूकर 12 हुंह करा आपणैं प्रभू ईशूओ शूकर ज़ुंणी मुल्है शगती आसा दैनी दी कि तेऊ छ़ांटअ हुंह भरोस्सैमंद समझ़ी करै सेऊआ लै। 13 हुंह त प्रभू दी विश्वास करनै का पैहलै निंदा करनै आल़अ, विश्वासी लै दुख दैणैं आल़अ और तिन्नां लै ज़खम दैणैं आल़अ। हुंह नांईं त अज़ी बी विश्वास करदअ और इहअ करै निं मुंह समझ़ आथी ती कि ज़ुंण हुंह करा त सह आसा गलत। एता पिछ़ू की मसीहा मुल्है झींण। 14 म्हारै प्रभू रहैऊअ मुखा कबल्लअ खास्सअ जश। तेऊ दैनअ मुल्है भरोस्सअ और झ़ूरी किल्हैकि हुंह किअ तेऊ संघै एक। 15 अह गल्ल आसा शुची बोली दी और सोभी साबै मनणै जोगी, “मसीहा ईशू आअ एते तैणीं कि संसारे हाम्हां पापी मणछा तेऊ करै उद्धार भेटे।” इना मांझ़ै आसा सोभी का खास्सअ पापी हुंह। 16 पर परमेशरै की मुल्है झींण। तेऊ किअ इहअ तै कि मंऐं ज़ुंणी सोभी का खास्सअ पाप किअ, मसीहा ईशू मुंह करै एसा गल्ला रहैऊए कि तेऊ मुल्है किहअ सबर किअ और ज़ुंण मंऐं किअ तेते निं तेऊ परबाह की। तेऊ किअ इहअ एते तैणीं कि होर लोग बी बादा का तेऊ दी विश्वास करे और तिन्नां सदा रहणैं आल़ी ज़िन्दगी भेटे। 17 ऐबै ज़हा राज़ै सदा राज़ करनअ, ज़ुंण सदा रहणअ ज़िऊंदअ, ज़हा कोहै निं भाल़ी सकदअ सह एक्कै ई आसा परमेशर और तेऊ परमेशरो अदर, प्रतप लोल़ी जुगै-जुगै हुअ। तथास्तू। तिमुतुसे ज़िम्मैंबारी 18 तिमुतुस मेरै शोहरूआ, ईंयां आसा मुंह बाखा ताल्है खास गल्ला ज़ुंण मंऐं ताल्है लाई बोली। हुंह बोला ताल्है कि परमेशरे गूरे तिन्नां गल्ला डाहै आद ज़ुंण तिन्नैं पैहलै ई आसा तेरै बारै बोली दी कि ताह संघै किज़ै हणअ। तिन्नां बैणा डाह तूह शस्त्रा ज़िहै थम्हीं ताकि तूह झ़ुठी शिक्षा दैणैं आल़ै संघै मकाबलअ करी सके। 19 कई लोगै आसा आपणीं भली सोर खतम हेरी दी करी और तिन्नैं छ़ाडअ मसीहा दी विश्वास करनअ ठीक तिहअ ज़ेही ज़हाज़े चूट पूरै ज़हाज़ा खतम करा। 20 तिन्नां ई मांझ़ै आसा हनिनयुस और सिकंदर, तिंयां काढै मंऐं मंडल़ी का बागै और तिंयां छ़ाडै राख्से शगतीए बशै ताकि तिंयां परमेशरे निंदा नां करे। |
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