1 पतरस 3 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधानदुहरू 1 ओ बेटल़ीओ, तम्हैं बी रहा आपणैं मर्धे डरा हेठै। 2 ज़ै इना मांझ़ै कोई इहै बी होए, ज़ुंण मसीहा दी विश्वास नांईं करदै, तिन्नां हेरनअ थारै पबित्र और धर्मीं बभारा भाल़ी बाझ़ी बोलै विश्वास करी। तिन्नां का जाणअ शुझुई कि तम्हैं करा तिन्नों अदर। 3 थारअ हार शंगार निं लोल़ी दखाऊटी हुअ, थारअ शंगार लोल़ी इहअ हुअ ज़ुंण परमेशरे लोगा शोभा दैआ, नां कि कई रंगे गुछ़टी बाली करै और सुन्नैं च़ंदी, मोती, और किम्मती झिकल़ै बान्हीं करै। 4 पर तम्हैं बणां भितरी थारै दिला का शोभा दैणैं आल़ी ज़ुंण सदा रहा। मतलब थारअ सिधअ-सादअ सभाब और शांत बभार ज़ेतो मोल परमेशरे आछी दी खास्सअ आसा। 5 पराणैं ज़मानैं बी ज़ुंण धर्मीं बेटल़ी रहा ती, तिंयां करा ती परमेशरा दी विश्वास और तिंयां डाहा ती आपणीं आशा तेऊ दी, संघा रहा ती तिंयां आपणैं मर्धे डरा हेठै, एऊ ई साबै बणांआ ती तिंयां आपणीं शोभा। 6 ज़ेही सारा ती, सह मना ती आबरामे हर गल्ला और तेऊ लै बोला ती सह आपणअ प्रभू। तम्हैं बी ज़ै होरी लै भलाई करे, और तम्हां ज़ै अह डौर नांईं होर कि तम्हैं आसा विश्वासी थारै मर्ध और होर लोग झ़ाणीं ऐबै किज़ै बोले, तै हणीं तम्हैं बी सारे शोहरी ज़ेही। 7 तिहअ ई ओ मर्धो, तम्हैं बी ज़िऊआ आपणीं बेटल़ी संघै जोग-सजोग डाही आपणीं लाल़ी संघै ज़िन्दगी। तम्हैं डाहणीं अह गल्ल आद कि तिंयां निं तम्हां ज़ेही पाक्की आथी। तैही करनअ तिन्नों अदर। किल्हैकि परमेशरै ज़ुंण दान आपणैं जशा करै आसा दैनअ द, तम्हैं आसा दुहै तेथ साझ़ू, और सह आसा सदा लै ज़िन्दगी। तम्हैं करै इहअ तै कि ज़ेभै तम्हैं प्राथणां करे तेभै परमेशर थारी शुणें। मर्ध भलाई करनै पिछ़ू कष्ट 8 खिरी बोला हुंह तम्हां सोभी लै इहअ कि तम्हैं सोभै रहा एक मन हई करै। एकी दुजैओ डाहणअ धैन-खैल। एकी दुजै संघै करा भाई और बैहणी समझ़ी करै झ़ूरी, होरी लै हणअ झणैल़ू और घमंड निं कधि करनअ। 9 बूराईए बदल़ै बूराई निं करा और नां गाल़ी दैणैं आल़ै लै बदल़ै दी गाल़ी दैआ, पर एते उंबल़ी दैआ लोगा लै बर्गत। किल्हैकि परमेशरै आसा तम्हैं होरी लै बर्गत दैंदै शादै दै। ज़ै तम्हैं इहअ करे ता परमेशरा दैणीं तम्हां लै बी बर्गत। 10 किल्हैकि पबित्र शास्त्रा दी आसा इहअ लिखअ द, (युहन्ना 9:31; भज़न 34:15-16; सैणीं गल्ला 15:29) “ज़ै कुंण मणछ आपणीं ज़िन्दगी दी नंद च़ाहा और भलै धैल़ै भाल़णअ च़ाहा, सह रहै बूरी गल्ला बोल़णैं का बच़दअ सह छ़ाडै तिन्नां गल्ला बोल़णीं ज़ुंण झ़ुठी आसा। 11 सह निं बूरअ करी पर सह करै भलअ। तेऊ करनी सदा होरी संघै शांती दी रहणें कोशिश। 12 किल्हैकि परमेशर हआ धर्मीं मणछा भाल़अ लागअ द, और सह हआ हर बगत धर्मीं मणछे प्राथणां शूणअ लागअ द। पर बूराई करनै आल़ै बाखा फरेऊआ सह पिठ।” 13 ज़ै तम्हैं हर बगत भली गल्ला करने कोशिश करे, तै निं कोही लाऐ तम्हैं च़िकी। 14 पर ज़ै कुंण म्हारै धर्मीं बभार हणैं पिछ़ू दुख दैए, तै भेटणीं असली दी हाम्हां बर्गत। तिहअ करा ज़िहअ याशायाह आसा लिखअ द, “तिन्नां लोगा का निं डरी ज़ुंण हाम्हां लै धमकी दैआ और एसा गल्ले फिकर निं करी कि लोगा किज़ै सका करी।” 15 पर आपणैं दिलै दैआ मसीहा लै ज़ैगा और तेऊओ करा प्रभू मनी करै अदर। हर बगत रहणअ ज़बाबा दैणा लै तैर ज़ै कुंण तम्हां का इहअ पुछ़े कि थारी आप्पू लै परमेशरा का किज़ै आशा आसा। पर ज़बाब दैणअ तिन्नां सिधै-सादै सभाबा संघै। 16 एसा गल्लो डाहै धैन कि तम्हैं करै एऊ साबै लोगा संघै बभार कि तम्हां आप्पू बूरअ निं च़ेते। तेखअ ज़ै लोग थारै खलाफ बूरअ बोले ता तिंयां हणैं थारै भलै बभारा भाल़ी शर्मिंदै किल्हैकि तम्हैं आसा मसीहा ईशू दी एक हुऐ दै। 17 किल्हैकि, ज़ै परमेशरे दिलै तम्हां लै एही होए कि तम्हैं भलाई करी करै दुख भुगते, ता अह आसा बूराई करी करै दुखा भुगतणै का भलअ। मसीहा बी ज़िरअ दुख 18 हुंह बोला इहअ तै कि मसीहा भुगतअ दुख और सह मूंअ म्हारै पापा पिछ़ू। सह मूंअ एकी बारी और तेऊ निं भी मरने ज़रुरत आथी। सह आसा त धर्मीं मणछ और सह मूंअ हाम्हां पापी लोगा लै एते तैणीं कि सह हाम्हां परमेशरा नेल़ आणी सके। तिन्नैं पाई तेऊए देही मारी पर सह किअ पबित्र आत्में शगती करै ज़िऊंदअ। 19 तेखअ नाठी तेऊए आत्मां खुशीए समादा खोज़दी तिन्नां आत्मां का ज़ुंण परमेशरै तिधी आसा कैद डाही दी ज़िधी मूंऐं दै मणछे आत्मां डेओआ। 20 ईंयां आसा तिंयां आत्मां ज़ुंणी पैहलै ज़मानैं परमेशरो हुकम नांईं मनअ। ज़धू नूह ज़हाज़ा बणांदअ त लागअ द, परमेशरै किअ सबर और सह रहअ न्हैल़अ लागी कि तिंयां लोग बदल़े। पर ज़ांऊं पाणींए प्रल़या करै सारअ संसार खतम हुअ ता सिधै आठ लोग तै नाठै दै ज़हाज़ा भितरी और तिंयां ई बच़ै बी। 21 पराणैं ज़मानैं तिन्नों उद्धार आसा म्हारै उद्धारा लै ऐबै सीख ज़ेभै हाम्हैं डुबकी लआ। ज़ेऊ पाणीं दी हाम्हैं डुबकी लआ सह निं म्हारी देही का मैल दूर करदअ, सह आसा एसा गल्लो नछ़ैण कि हाम्हैं की सोर समझ़ डाही करै परमेशरा का म्हारै पाप माफ करने अरज़। हाम्हां लै सका माफी भेटी किल्हैकि ईशू मसीहा आसा मरी करै भी ज़िऊंदअ हुअ द, 22 और सह नाठअ स्वर्गा लै। तिधी आसा सह ऐबै परमेशरे दैहणीं बाखा सोभी का बडी पदबी दी बेठअ द और सह करा स्वर्ग दूत, प्रधान और शगती प्रैंदै राज़। (इफिसी 1:20-21; भज़न 110:1) |
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