1 कुरिन्थी 4 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधानमसीहा और शधाणूं 1 हुंह और अपूलोस लोल़ी तम्हैं मसीहे सेऊआ करनै आल़ै और परमेशरे तिन्नां गुप्त भेदे भढारी मणछ समझ़ै। 2 तेखअ ज़ुंण मणछ भढारी आसा बणांअ द सह लोल़ी भरोस्सैमंद हुअ। 3 आप्पू बाखा निं हुंह एसा गल्ले फिकर करदअ कि तम्हैं या कुंण होर मणछ मुंह परखी लए कि हुंह भरोस्सैमंद आसा कि नांईं। हुंह निं आप्पू लै बोलदअ कि हुंह भरोस्सैमंद आसा कि नांईं। 4 किल्हैकि मुखा निं आप्पू दी कोही बी गल्ला दी दोश शुझदअ, पर इहै करै निं हुंह शुचअ हई सकदअ, किल्हैकि मुंह परखणैं आल़अ आसा मेरअ प्रभू। (भज़न 19:12) 5 एते तैणीं आसा इहअ कि ज़ेभै तैणीं प्रभू निं एछे, तेभै तैणीं निं किछ़ी गल्लो फैंसलअ करी। तेऊ खोज़णैं मणछे सोभै बच़ार बाढै ज़ेते बारै कोही का निं थोघ आथी। तेऊ करनै तिन्नें दिले भेद प्रगट, तेभै हणीं परमेशरा बाखा का सोभिए बड़ाई। 6 भाईओ, मंऐं की ईंयां गल्ला तम्हां लै आपणीं और अपूलोसे च़रच़ा घेरै-फेरै, ताकि तम्हैं एसा गल्लो मतलब समझ़े, “पबित्र शास्त्रा दी लिखी दी गल्ला का आजू निं बढणअ आथी।” अह गल्ल निं ठीक आथी ज़ै तम्हैं एकी बणांए महान और दुजै निंदा करी करै बणां तेऊ बेकार। 7 किल्हैकि तूह निं कोही होरी कोही का बडअ बणांअ! ताह आसा सोभै बरदान परमेशरा का भेटै दै। ज़ै ताह सोभै गल्ला प्रभू का आसा भेटी दी ता; तै निं ताह घमंड करनैओ हक आथी। 8 तम्हैं ज़ाण्हिंआं इहै कि तम्हां का आसा सोभै आत्मिक च़िज़ा ज़ेते तम्हां गरज़ ती। तम्हैं समझ़ा इहअ कि तम्हां का आसा तिंयां सोभै गल्ला पैहलै ई का ज़ुंण पबित्र आत्मां लोगा लै दैआ। तम्हैं समझ़ा इहअ कि हाम्हां बाझ़ी आसा तम्हैं पैहलै ई का राज़ै ज़िहै राज़ करदै लागै दै। ज़ै तम्हैं असली दी हेरअ राज़ै ज़िहअ राज़ करनअ शुरू करी ता मुंह हणीं एसा गल्ले खुशी, हाम्हैं बी सका तम्हां संघै राज़ करी। 9 मेरी समझ़ा दी आसा कि परमेशरै आसा हाम्हैं शधाणूं सोभी बाद तिन्नां लोगा ज़िहै बणाऐं दै ज़हा लै मौतो हुकम आसा हुअ द; किल्हैकि हाम्हैं आसा स्वर्ग दूता और एऊ संसारे मणछा लै सुहांग बणैं दै। 10 लोग समझ़ा हाम्हां ऐडै किल्हैकि हाम्हैं खोज़ा मसीहे बारै, पर तम्हैं समझ़ा गलती दी आप्पू समझ़कार मसीही! कई लोग बोला हाम्हां लै कि हाम्हां निं किछ़ै हक आथी। पर तम्हैं बोला बडै घमंडा दी कि तम्हां का आसा परमेशरे शगती। लोग निं म्हारअ अदर करदै पर थारअ करा अदर। 11 हाम्हैं आसा आझ़ तैणीं भुखै-नचिशै, खिंथल़ै बान्हैं दै, मारा खांदै लागै दै और रहणा लै निं हाम्हां का घर बी आथी। 12 हाम्हैं करा आपणैं हाथै काम करी करै कमाई और लोग बोला हाम्हां लै बूरअ। हाम्हैं दैआ तिन्नां लै बर्गत ज़ुंण हाम्हां लै शाप दैआ। हाम्हैं रहा तिन्नें ज़िरदै लागी ज़ुंण हाम्हां बदनाम करा। 13 हाम्हैं करा शोभलै करै अरज़ पर तज़ी बी निं लोग म्हारअ अदर करदै, तिंयां बोला म्हारी निं किछ़ै किम्मत आथी। (लामण 3:45) चतैनगी 14 ईंयां गल्ला निं मंऐं तम्हां शर्मिंदै करना लै आथी लिखी दी, पर मेरअ मकसद आसा तम्हैं समझ़ाऊंणैं किल्हैकि तम्हैं आसा मेरै लान्हैं ज़िहै ज़हा संघै हुंह असली झ़ूरी करा। 15 ज़ै मसीहा दी तम्हां का सखाऊंणै आल़ै दस हज़ार बी होए, पर हुंह आसा थारै बाप्पू ज़िहअ, हुंह आसा सह पैहलअ मणछ ज़ुंणी तम्हां सेटा सोभी का पैहलै खुशीओ समाद पजैल़अ, ज़ेता करै तम्हैं मसीहा ईशू दी विश्वास करनै आल़ै बणैं। 16 एते तैणीं करा हुंह तम्हां का अरज़ कि तम्हैं बी ज़िऊआ मुंह ज़ेही ज़िन्दगी। 17 एते तैणीं कि मंऐं आसा तिमुतुस तम्हां सेटा लै छ़ाडअ द ज़ुंण प्रभू दी विश्वासा करनै आल़ै मांझ़ै मेरअ सोभी का पैरअ आसा। तेऊ फरेऊणअ तम्हां का मेरअ मसीहा ईशू दी च़ाल-च़लण आद, ज़िहअ हुंह हर ज़ैगा, और हर एकी मंडल़ी दी प्रच़ार करा। 18 तम्हां मांझ़ै सोठा कई लोग इहअ कि हुंह निं तम्हां सेटा लै एछणैं आल़अ आथी, और तिंयां आसा सराहुऐ दै। 19 पर प्रभू ज़ै च़ाहे तै एछणअ मुंह तम्हां सेटा लै छ़ेकै, और तिन्नां सराहुऐ दै मणछे गल्ला निं पर, तिन्नें शगती भाल़अ। 20 किल्हैकि परमेशरो राज़ निं थारी खास्सी गल्ला करनै दी आथी, पर अह आसा परमेशरे शगती दी आपणीं ज़िन्दगी काटणी। 21 तम्हैं कै च़ाहा कि ज़ेभै हुंह तम्हां सेटा लै एछूं तेभै हुंह कै करूं? ज़ै तम्हैं अज़ी बी आपणीं बूरी बात निं छ़ाडी, तै हुऐ मुंह तम्हैं नैरनै। ज़ै तम्हैं बूरी बात छ़ाडी होए ता; तै करनी मुंह तम्हां संघै झींण और झ़ूरी संघै गल्ला। |
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