1 कुरिन्थी 15 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधानमसीहो मरी करै भी ज़िऊंदै हणें बारै 1 भाईओ, ऐबै फरेऊणीं मुंह तम्हां का सह ई खुशीओ समाद आद ज़ुंण मंऐं तम्हां का पैहलै आसा खोज़ी हेरअ द, ज़ेथ तम्हैं विश्वास बी किअ त और ज़हा विश्वासा दी तम्हैं पाक्कै बी आसा। 2 तेऊ खुशीए समादा करै करा परमेशर थारअ उद्धार ज़ै तम्हैं तेथ सदा विश्वास डाहे ज़ुंण मंऐं तम्हां का खोज़अ, नांईं ता थारअ विश्वास आसा फज़ूल। 3 तैही खोज़अ मंऐं सह सोभी का ज़रूरी समाद तम्हां का ज़ुंण प्रभू ईशू मसीहा का भेटअ। सह समाद आसा इहअ कि ईशू मूंअ म्हारै पाप माफ करना लै ज़िहअ तेऊए बारै पबित्र शास्त्रा दी लिखअ द बी आसा। 4 सह दाबअ और पबित्र शास्त्रे साबै हुअ चिऐ धैल़ै ज़िऊंदअ बी। (होशा 6:2) 5 तेखअ शुझुअ सह पतरसा का और सोभी बारा च़ेल्लै का बी शुझुअ। 6 तेखअ शुझुअ सह पांज़ा शौआ का भी खास्सै च़ेल्लै का कठा एकी बारी, और तेता मांझ़ै आसा कोऐ अज़ी बी ज़िऊंदै, और कोऐ गऐ मरी। 7 तेखअ शुझुअ सह याकूबा का बी और सोभी शधाणूं बी भाल़अ। 8 तेखअ सोभी का बाद खिरी शुझुअ सह मुखा बी। हुंह बणअ शधाणूं इहै शोहरू ज़िहअ ज़सरअ ज़ल्म असली बगती नांईं हंदअ। 9 किल्हैकि हुंह आसा त तिन्नां शधाणूं मांझ़ै सोभी का होछ़अ, मतलब हुंह निं शधाणूं बोल़णैं जोगी बी आथी त, किल्हैकि हुंह दैआ त परमेशरे मंडल़ी दी विश्वासी लै दुख तकलिफ। 10 पर हुंह आसा शधाणूं किल्हैकि परमेशरै की मुल्है झींण, तेऊए जशा करै हुअ मेरी ज़िन्दगी दी खास्सअ असर। पर मंऐं किअ तिन्नां होरी सोभी शधाणूं का खास्सअ कष्ट, तैबी निं अह मेरै आपणैं बला करै हुअ, परमेशरे जशै की मेरी एऊ कामां करना लै मज़त। 11 और तैही, च़ाऐ हुंह करा, च़ाऐ तिंयां करा, हाम्हैं सोभै खोज़ा तेऊ ई मसीहे बारै खुशीए समादा और तेता ई दी किअ तम्हैं विश्वास बी। म्हारअ मरी करै भी ज़िऊंदै हणअ 12 ऐबै पुछ़ा हुंह तम्हां का इहअ, हाम्हैं सोभी खोज़अ तम्हां का तेऊ मसीहे बारै ज़ुंण परमेशरै मरी करै भी किअ हुअ ज़िऊंदअ, ऐबै निं लोल़ी तम्हां मांझ़ै कुंणी इहअ बोलअ कि परमेशरा निं विश्वासी मरी करै भी ज़िऊंदै करनै। 13 ज़ै मूंऐं दै मणछ ज़िऊंदै ई निं हई सकदै, तै निं मसीहा बी ज़िऊंदअ हुअ। 14 ज़ै मसीहा भी ज़िऊंदअ नांईं हुअ आथी, ता ज़ुंण हाम्हैं मसीहे बारै खुशीओ समाद खोज़ा सह आसा फज़ूल, और थारअ विश्वास बी आसा फज़ूल। 15 ज़ै मूंऐं दै ज़िऊंदै ई निं हंदै, तै खोज़ा हाम्हैं परमेशरे बारै झ़ुठअ कि तेऊ किअ मसीहा मरी करै भी ज़िऊंदअ, ज़ै तेऊ असली दी इहअ किअ ई निं होए। 16 ज़ै मूंऐं दै भी ज़िऊंदै नांईं हई सकदै, तै निं मसीहा बी मरी करै भी ज़िऊंदअ हुअ। 17 ज़ै मसीहा मरी करै ज़िऊंदअ ई निं हुअ ता थारअ विश्वास करनअ बी आसा फज़ूल, और तम्हैं आसा अज़ी बी लागै दै पापा दी ज़िन्दगी ज़िऊंदै। 18 ज़ै मसीहा मरी करै भी ज़िऊंदअ नांईं आथी हुअ द, तै ज़ुंण मसीहा दी विश्वासा दी रहंदी मरी आसा गऐ दै तिंयां निं बच़ै, पर तिंयां हुऐ परमेशरा का दूर हई करै सदा लै बरैबाद। 19 ज़ै हाम्हैं सिधअ एसा ई ज़िन्दगी दी, मसीहा का भली च़िज़े आशा डाहे तै आसा हाम्हैं सोभी मणछा मांझ़ै नभागै, तै निं हाम्हां लै आजू स्वर्गै किछ़ै आथी। 20 पर सत्त आसा इहअ कि परमेशरै किअ मसीहा मरी करै ज़िऊंदअ एसा गल्ला पाक्की करना लै कि तेऊ करनै तिंयां बी ज़िऊंदै ज़ुंण मरी आसा गऐ दै। 21 किल्हैकि, ज़ै एकी मणछा आदमा करै एऊ संसारा दी मौत आई, तिहै ई हणैं एकी मणछा करै मरी करै भी ज़िऊंदै। सह मणछ आसा मसीहा ईशू। 22 ज़िहअ एकी मणछा आदमे पाप करनै पिछ़ू सोभी मणछा लै मौत आई। तिहै ई हणैं एकी मणछा मसीहा ईशू करै सोभै मूंऐं दै खिरी ज़िऊंदै। 23 पर हरेक हणअ आपणीं बारी दी ज़िऊंदअ। मसीहा त पैहलअ ज़ुंण ज़िऊंदअ हुअ, ज़ांऊं मसीहा ज़िऊंदअ हुअ तै ज़सरअ मसीहा संघै पाक्कअ नातअ होए तिंयां हणैं मरी करै भी ज़िऊंदै ज़ेभै मसीहा भी फिरी एछणअ। 24 संसारे सोभै गल्ला हणीं तेभै खतम ज़ेभै मसीहा एऊ सारै संसारो राज़ परमेशर बाप्पू सेटा सभाल़ी दैए। तेभै करनी राख्से सारी शगती और हक बरैबाद। (दानिएल 2:44) 25 किल्हैकि ज़ेभै तैणीं सह आपणैं दुशमण राख्सा हारी करै आपणैं खूरा हेठै निं पाऐ, तेभै तैणीं रहणअ तेऊ राख्सो राज़ एऊ संसारा दी ज़रूरी। (भज़न 110:1) 26 सोभी का खिरी ज़ुंण दुशमण बरैबाद करनअ सह आसा मौत। 27 ज़ांऊं पबित्र शास्त्र इहअ बोला कि परमेशरा दैणअ सोभी गल्लो हक तेऊ लै, सह निं परमेशरे बारै आथी बोलअ द किल्हैकि सह आसा परमेशर ई ज़ुंणी सोभै गल्ला मसीहे शगतीए बशै की। (भज़न 8:6) 28 तेखअ ज़ांऊं सोभी गल्लो हक मसीहा का आसा ज़ुंण परमेशरो शोहरू आसा। शोहरू दैणअ आपणअ सारअ हक परमेशरा लै, तै कि परमेशरै ज़ुंणी सोभी गल्लो हक शोहरू लै दैनअ, सह लोल़ी हर ज़ैगा सोभी गल्ला प्रैंदै मालक हुअ। 29 ऐबै सोठा एसा गल्ले बारै, थारअ आसा इहअ रबाज़ कि तम्हां मांझ़ै लआ कई लोग तिन्नां लोगे बदल़ै डुबकी ज़ुंण डुबकी मन बदल़णें डुबकी लणै का पैहलै आसा गऐ दै मरी। ज़ै कुंण इहअ बोला कि विश्वासी निं मरी करै ज़िऊंदै हणैं, तै आसा इहअ करनअ फज़ूल। तै निं इहअ करनैओ किछ़ै मतलब आथी। 30 ज़ै मरी करै भी ज़िऊंदै हंदै ई निं आथी तै आसा हाम्हैं बी ऐडै मणछ ज़ुंण एता पिछ़ू आपणीं ज़िन्दगी खातरै दी पाआ। 31 भाईओ, हुंह खोज़ा तम्हां का कि हुंह बच़ा हर धैल़ै मरनै का। मेरी ईंयां गल्ला आसा शुची और अह गल्ल बी आसा शुची कि हुंह आसा सच्च़ी बडअ भारी खुश किल्हैकि तम्हैं करा म्हारै प्रभू ईशू मसीहा दी विश्वास। 32 इधी इफिसुस नगरी आसा मेरै दुशमण बणें ज़ीबा ज़िहै ज़ुंण मुंह बरैबाद च़ाहा करनअ। ज़ै मुंह एऊ संसारै ई भेटणअ फल ता; तै कै ज़रुरत पल़ी मुंह एतरै दुख ज़िरने! ज़ै अह ई गल्ल आसा शुची कि खिरी निं हुंह मरी करै भी ज़िऊंदअ हणअ ता; तै आसा अह गल्ल ई ठीक ज़िहअ बोला, (याशायाह 22:13) “एछा खाआ-पिआ मौज़ करा, किल्हैकि काल्ला ता हाम्हां मरनअ लागणअ।” 33 ज़ुंण लोग एही गल्ला करा तिन्नां मणछे गल्ला मनी निं ऐडै बणीं, “बूरै मणछा संघै साथ करा राम्बल़ै मणछा बूरै।” 34 थारी सोठ-समझ़ लोल़ी भली हुई और पाप करनअ छ़ाडा। किल्हैकि तम्हां मांझ़ै आसा कई इहै बी ज़हा राम्बल़ै करै परमेशरो थोघ ई निं आथी। हुंह आसा लागअ द तै इना गल्ला बोलदअ ताकि तम्हां शरम एछे। दुजी ज़िन्दगीए देही 35 तम्हां मांझ़ै सका कई इहअ बोली, “परमेशरै किहअ करै आसा लाऐ दै मरी करै ज़िऊंदै करी या तिन्नें देही केही हणीं?” 36 आरो ऐडै मणछो; ज़ेभै तम्हैं आपणैं खेचै किछ़ बऊआ, ता ज़ेभै तैणीं सह बेज़अ चिजअ निं आथी, ता तेभै तैणीं निं तेथ टीप फुटदी आथी। 37 ज़ुंण तूह बऊआ अह कै सह देही निं आथी ज़ुंण टिपणैं आल़ी आसा, पर पल़अ द आसा तेथ दाणअ ई, च़ाऐ तिंयां दाणैं गिंहूंए होए, च़ाहै छ़लीए होए, च़ाहै सह किज़ै होर नाज़ होए। 38 पर परमेशर दैआ आपणीं मरज़ी करै तेता लै देही, और सोभी बेज़ै लै आसा आपणीं-आपणीं देही दैनी दी। (मूल़ 1:11) 39 एऊ संसारै निं सोभिए देही एकी रंगे आथी, मणछे देही आसा होरी रंगे, और पशूए देही आसा होरी रंगे; और च़ेल्लू पखीरूए देही आसा होरी रंगे, और माह्छ़लीए देही आसा होरी रंगे। 40 ज़ेही एऊ संसारै कई रंगे देही आसा तेही आसा सरगे देही बी, पर सरगे देहीए शोभा आसा होरी रंगे, और संसारे देहीए शोभा आसा होरी रंगे। 41 सुरज़े शोभा आसा होरी रंगे, और ज़ोथे शोभा आसा होरी रंगे और तारे शोभा आसा होरी रंगे, एक तारै और दुजै तारे शोभा दी बी आसा फरक। 42 मूंऐं दै मणछो ज़िऊंदै हणअ बी आसा इहअ ई। एसा देही बऊआ बरैबाद हणैं आल़ी दशा दी और अमर रुपा दी हआ अह ज़िऊंदी। 43 तेऊ बऊंदी बारी निं अदर हुअ, पर ज़ेभै तिंयां हआ ज़िऊंदी तेते शोभा हआ खास्सी बधिया और सदा लै। 44 ज़ेही म्हारी मणछे देही आसा, तेही आसा होर देही बी ज़ेता परमेशरे पबित्र आत्मां करै भेटा ज़िन्दगी। म्हारी मासा और लोहू करै बणीं दी देही बधल़णीं तिन्नां देहीए रुपा दी ज़ेता परमेशरे पबित्र आत्मां करै ज़िन्दगी भेटा। 45 एते बारै आसा पबित्र शास्त्रा दी बी लिखअ द, “पैहलअ मणछ, आदम बणअ ज़िऊंदअ ज़ीब।” पर खिरीओ आदम मसीहा बणअ सदा रहणैं आल़ी ज़िन्दगी दैणैं आल़ी आत्मां। 46 ज़ुंण स्वर्गै सदा रहणैं आल़ी ज़िन्दगी आसा सह निं पैहलै आई, पर ज़ुंण हाम्हां पैहलै भेटा सह आसा पृथूई दी ज़िन्दगी और तेता बाद भेटा स्वर्गै ज़िन्दगी। 47 पैहलअ मणछ आदम आसा त पृथूईए माटै करै बणांअ द; पर दुजअ मणछ मसीहा आसा स्वर्गा का आअ द। (युहन्ना 3:31) 48 ज़ुंण बी माटै का आसा बणांऐं दै तिंयां सोभ आसा आदमा ज़िहै ज़ुंण माटै का त बणांअ द, तिंयां सोभ ज़ुंण स्वर्गे आसा तिंयां मणछ आसा मसीहा ज़िहै ज़ुंण स्वर्गा का आसा। 49 ज़िहै परमेशरै हाम्हैं बी तेऊ माटै का बणांऐं दै मणछा ज़िहै बणांऐं, तिहअ ई दैणअ परमेशरा हाम्हां लै तेऊ स्वर्गा का आऐ दै मणछो रूप बी। (1 युहन्ना 3:2) 50 भाईओ, म्हारी पृथूईए देही आसा हाड-मासा करै बणांईं दी, हाम्हैं निं एसा देही संघै परमेशरे राज़ा दी बझ़ी सकदै ज़ुंण स्वर्गै आसा। हाम्हैं निं स्वर्गै आपणीं एसा देही संघै बझ़ी सकदै ज़ुंण मरी सका, किल्हैकि तिधी निं मौत आथी। 51-52 एऊ गुप्त भेदे बारै शूणां, हाम्हैं निं सोभै मरनै, ज़ेभै खिरीए नाद बाज़णीं तेभै बधल़णीं म्हारी देही एकी पला भितरी। ज़ेभै तेसा नादे छ़ेल़ हणीं तेभै हणैं मूंऐं दै सदा लै ज़िऊंदै तिंयां निं भी मरनै और हाम्हैं सोभै बदल़णैं दुजै रुपा दी। 53 किल्हैकि म्हारी ज़ुंण अह देही ज़ुंण मरा और बास्स-शल़ैन्ह लागा। अह आसा दुजै रुपा दी बधल़णीं ज़रूरी ज़ुंण कधि निं मरे और नां तेता का बास्स-शल़ैन्ह लागणीं। 54 ज़ेभै एसा मरनै आल़ी देही अमर हणैंओ च़ोल़अ बान्हणअ, तेभै हणअ सह बैण पूरअ, ज़ुंण पबित्र शास्त्रा दी आसा लिखअ द, (याशायाह 25:8; होशा 13:14) “ज़िन्दगी हारी मौत और आजू निं मौत हणीं। 55 हे मौत, तेरी ज़ीत किधी रही? हे मौतै तेरअ डाम्ह किधी रहअ?” 56 मौतो डाम्ह आसा पाप, और बधान दैआ पापा लै शगती। 57 पर परमेशरो आसा शूकर कि तेऊ दैनी म्हारै प्रभू ईशू करै हाम्हां लै म्हारै पाप और मौता का ज़ीत। 58 एते तैणीं बोला हुंह ए मेरै पैरै भाईओ, विश्वासा दी रहा पाक्कै और गलत शिक्षा करै निं कबाता पेठी, ज़ुंण बी तम्हैं प्रभू लै करा परमेशरा दैणअ तम्हां लै तेतो फल। (गलाती 6:9) |
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