1 कुरिन्थी 10 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधानइस्राएले बितै ज़मानैं का चतैनगी 1 भाईओ, हुंह च़ाहा तम्हां का आद फरेऊणीं कि म्हारै पित्तरा संघै ज़ंगलै किज़ै हुअ। परमेशरै निंयैं तिंयां एक बादल़ छ़ाडी करै ज़ुंण तिन्नां आजू-आजू रहा त सरगै हांढदअ लागी और परमेशरै पजैल़ै तिंयां लाल समुंदरे पाणीं जैंदरी पार टपाऊई करै राज़ी राम्बल़ै शुक्की ज़ैगा दी। (लुआह 14:29) 2 हाम्हैं सका इहअ बोली, ज़ेही हाम्हैं प्रभू ईशूए हणां लै डुबकी दैनी, तिहै ई रहै तिंयां बादल़े छ़ैल्ली दी और लाल समुंदरे पाणीं जैंदरी निखल़ै तिंयां पार सह आसा ती तिन्नां लै डुबकी ज़ेही संघा बणैं तिंयां मुसा गूरे बधाना मनणै आल़ै। 3 तिन्नैं सोभी खाई सह ई रोटी ज़ुंण परमेशरै स्वर्गा का दैनी। (लुआह 16:35; बधान 8:3) 4 तिन्नैं झुटअ सह ई पाणीं ज़ुंण परमेशरै मुसा गूरा करै टोल्हा का काढअ। ज़ुंणी तिन्नां लै टोल्हा का पाणीं दैनअ, सह रहा तिन्नां संघै हांढदअ लागी। सह टोल्ह आसा ती मसीहा। (लुआह 17:6; गणांई 20:11) 5 पर परमेशर निं तिन्नां मांझ़ै कई का खुश हुअ आथी, और तैही हुऐ तिंयां बणैं खतम। (इब्रानी 3:17) 6 ईंयां गल्ला हुई हाम्हां लै सीख लणा लै, कि ज़िहअ इनै मांण किअ, तिहअ निं हाम्हां बी लागदअ बूरी च़िज़ो मांण करनअ; 7 और नां तम्हैं मुर्तिए पूज़ा करनै आल़ै बणीं ज़िहै तिन्नां मांझ़ै बी बणैं तै, ज़िहअ पबित्र शास्त्रा दी आसा लिखअ द, “लोग लागै खांदी-पिंदी और नाच़दी-खेल्हदी कंझ़रदै।” 8 नां तम्हैं कंज़रैई करी, ज़िहअ तिन्नां मांझ़ै बी कई लोगै किअ; और तिंयां मूंऐं एकी धैल़ी भितरी त्रेई हज़ार मणछ। (गणांई 25:1,9) 9 नां प्रभू परखदै लागी ज़िहै तिंयां बी परमेशरा परखदै लागै तै, और तिंयां किऐ तै दानुईं करै खतम। (गणांई 21:5-6) 10 नां तम्हैं पिठी पिछ़ू निंदा करदै लागी, और ज़िहै म्हारै तिन्नैं पित्तरै बी किअ त, तिंयां पाऐ तै स्वर्ग दूतै मारी। 11 पर ईंयां सोभै गल्ला, ज़ुंण तिन्नां लै हुई, तेता का लागा हाम्हां सीख लणी ज़ुंण हाम्हैं एसा पृथूई खतम हणें ज़मानैं आसा लागै दै रहंदै। 12 तैही ज़ुंण विश्वासी इहअ सोठा कि तेऊओ विश्वास आसा पाक्कअ सह डाहै धैन कि सह किधी नभैऊशै पाप नां करे। 13 पाप करने सोठ एछा हाम्हां सोभी पाक्कै दी। पर परमेशर आसा शुचअ, ज़ेतरी मसीबत तम्हैं ज़िरी सका तेता का खास्सी मसीबत निं दैंदअ तम्हां लै एछणैं। पर सह दैआ तम्हां लै शगती कि तम्हैं तेता ज़िरी सके और पाप करनै का दूर रहे। (2 पतरस 2:9) मुर्ति पूज़ा करने बारै चतैनगी 14 ए मेरै पैरै भाईओ, मुर्ति पूज़ा निं करी, तेते भगती करनै का रहै तम्हैं बच़दै। 15 हुंह समझ़ा तम्हां समझ़कार और हुंह बोला तम्हां लै इहअ कि ज़ुंण हुंह बी बोला तिन्नां गल्ला लै दैआ धैन कि तिंयां ठीक आसा कि गलत। 16 ज़ेभै हाम्हैं प्रभू भोज़ा दी एकी बतिल्लू का अंगूर रस झुटा, ज़ेता लै हाम्हैं परमेशरो शूकर करा, हाम्हैं हआ असली ईशू मसीहे लोहू दी साझ़ू। ज़ांऊं हाम्हैं रोटी चोल़ी करै खाआ और हाम्हैं हआ असली दी मसीहे देही दी साझ़ू। 17 ज़ै कि एक्कै ई रोटी आसा ज़ुंण मसीहा आसा। तै हआ हाम्हैं खास्सै बी एक किल्हैकि हाम्हैं खाआ तेसा एकी ई रोटी का। 18 इस्राएली लोगे बारै सोठा, ज़ेभै सोभी लोगै परमेशरै दैनी दी रोटी खाई तिंयां हुऐ परमेशरे आराधना दी साझ़ू। ठीक इहअ ई ज़ुंण मुर्ति दी बल़ीदान दी रोटी खाआ तिंयां बी हआ तिन्नां मुर्तिए पूज़ा दी साझ़ू। 19 हुंह निं इहअ बोलदअ आथी लागअ द कि मुर्ति दी च़ढाऊअ द बल़ीदान निं किछ़ै आथी और मुर्ति निं किछ़ै आथी। 20 पर मेरअ बोल़णैंओ मतलब आसा इहअ कि होरी ज़ातीए लोग ज़ुंण मुर्ति दी बल़ीदान करा, तिंयां निं परमेशरा लै करदै आथी, पर तिंयां करा भूता लै, और तिन्नां का निं एसा गल्लो थोघ हंदअ आथी कि तिंयां आसा भूते साझ़ू। (बधान 32:17) 21 तम्हैं प्रभूए बतिल्लू और भूते बतिल्लू दुही मांझ़ै निं झुटी सकदै। तम्हैं प्रभूए थाल़ू, और राख्से थाल़ू दुहीए हकदार निं हई सकदै। (मत्ती 6:24) 22 ज़ै तम्हैं इहअ करे ता तम्हैं आणा इहअ करै परमेशरा लै रोशै और हाम्हैं निं परमेशरा का खास्सै ज़ोरा आल़ै आथी। (बधान 32:21) विश्वासीए आज़ादी 23 तम्हां बोल़णअ, “हाम्हैं सका सोभै गल्ला करी”, पर सोभै फाईदे निं आथी। तम्हां बोल़णअ, “हाम्हैं सका सोभै गल्ला करी” पर सोभी च़िज़ा संघै बढोतरी निं आथी। 24 आपणीं भलाई निं भाल़णीं आथी, पर दुजे भलाई भाल़णीं। 25 ज़ुंण बज़ारै बिका तेऊ सका तम्हैं खाई इहअ पुछ़णें ज़रुरत निं तम्हां आथी कि अह मुर्ति सेटा का आणअ या होरी ज़ैगा का। 26 किल्हैकि पबित्र शास्त्रा दी आसा इहअ लिखअ द, (भज़न 24:1) “पृथूई आसा परमेशरे और तेते हर गल्ला बी आसा परमेशरे।” 27 ज़ै कुंण विश्वास नांईं करनै आल़अ तम्हां लै छ़ांदअ दैए, और तूह डेओऐ, ताल्है तिधी ज़िहअ खाणैं लै दैए ता तूह खाऐ तेता ई, परमेशर निं ताल्है इहअ बोलदअ कि तूह पुछ़ तेऊ का इहअ कि तेऊ तिंयां रोटी किधा का आणी। 28 पर ज़ै ताल्है कुंण इहअ बोले, “अह ता मुर्ति लै बल़ी की दी च़ीज़।” तै निं तूह तेता खाई। 29 पर मेरी आज़ादी निं तेऊ मणछे बुधि करै लोल़ी परखअ ज़ुंणी मुखा खोज़अ। 30 ज़ै हुंह परमेशरा लै शूकर करी करै तिन्नां मुर्ति दी च़ढाऊई दी रोटी खाआ, ता तेता पिछ़ू कुंण मेरी निंदा किल्है करा? 31 एतो ज़बाब आसा इहअ कि च़ाऐ खाआ, च़ाऐ पिआ, च़ाऐ किछ़ बी करा सह लोल़ी परमेशरे प्रतपा लै हुअ। 32-33 ज़ुंण बी मंऐं किअ हुंह च़ाहा तेता करै सोभी खुश करनअ, मंऐं निं सिधअ आपणैं फाईदे बारै सोठअ पर मंऐं सोठअ सोभिए भलाईए तैणीं ताकि तिंयां बच़ी सके। एही ई लागा तम्हां बी तेही ज़िन्दगी ज़िऊंणीं नां यहूदी लै लोल़ी दुख हुअ, नां होरी ज़ाती लै लोल़ी दुख हुअ और नां लोल़ी परमेशरे मंडल़ी लै दुख हुअ। |
This work is licensed under Creative Commons Attribution-ShareAlike 4.0 License.