प्रकाशितवाक्य 8 - कुल्वीसौतुई तुरही होर सुनै रा धूपदान 1 होर ज़ैबै मेमणै सौतुई मोहर खोली ता स्वर्गा न औधी घण्टे तैंईंयैं सन्नाटा पौड़ू। 2 होर मैं ते सौत स्वर्गदूत ज़ो परमेश्वरा सामनै खड़ै रौहा सी हेरै होर तिन्हां बै सौत तुरही धिनी। 3 फिरी एक होर स्वर्गदूत सुनै रा धूपदान लेइया आऊ होर वेदी हागै खड़ा हुआ होर तेइबै बोहू धूप धिना कि सैभ पवित्र लोकै री प्रार्थना सैंघै सुनै री तेसा वेदी पैंधै ज़ो सिंहासना सामनै सा च़ढ़ाला। 4 होर तेई धुपा रा धुँआ पवित्र लोकै री प्रार्थना समेत स्वर्गदूतै रै हौथै परमेश्वरा सामनै पजेरु। 5 फिरी स्वर्गदूतै धूपदान लेइया तेथा न वेदी री औग भौरी होर धौरती पैंधै पाई होर, गृँज़णै की छ़ेड़, बज़ड़ाह होर ज़ौज़री होंदी लागी। सौत तुरही 6 होर ते सौत स्वर्गदूत ज़ुणी हागै सौत तुरही ती, ते फुकरनै री तैंईंयैं त्यार हुऐ। पैहली तुरही 7 पैहलै स्वर्गदूतै तुरही फुकरी होर लोहू न मिलै दै शौऊरु होर औग पैदा हुई होर धौरती पैंधै पाई होर एक तिहाई धौरती फुकुई होर एक तिहाई बुटै फुकुऐ होर सारा हौरा गाह भी फुकुआ। दुज़ी तुरही 8 दुज़ै स्वर्गदूतै तुरही फुकरी ता मना औगी सांही भौकदा एक बड़ा ढौग समुन्द्रा न पाऊ होर तेथा री बजहा न समुन्द्रा रा एक तिहाई हिस्सा लोहू बणु। 9 होर समुद्रै री एक तिहाई बणाईदी चीज़ा ज़ो ज़िन्दी ती ते मूँई होर एक तिहाई जहाज़ नष्ट हुऐ। त्रीजी तुरही 10 होर त्रीज़ै स्वर्गदूतै तुरही फुकरी होर एक बड़ा तारा ज़ो मशाला सांही भौका ती, स्वर्गा न चुटू होर तेइरी बजहा न नौई रै एक तिहाई हिस्सै पैंधै होर पाणी रै सोतै पैंधै एज़िया पौड़ू, 11 होर तेई तारै रा नाँ नागदोना सा होर एक तिहाई पाणी नगदौनै सांही कड़वा हुआ होर बोहू सारै मांहणु तेई पाणी रै कड़ुवै होंणै सैंघै मूँऐ। च़ोऊथी तुरही 12 च़ोऊथै स्वर्गदूतै तुरही फुकरी होर सूरज़ै री एक तिहाई, चाँदा री एक तिहाई होर तारै री एक तिहाई पैंधै मुसीबत आई, औखै तैंईंयैं कि तिन्हरा एक तिहाई औंग निहारा हुआ होर ध्याड़की एक तिहाई न प्याशा नी रौहू होर तैण्ढाऐ राती बै भी। 13 ज़ैबै मैं फिरी हेरू ता सर्गै रै बिच़ा न एक इलणी उड़दी होर ऐण्ढी बोलदी शुणी कि, “तिन्हां त्रा स्वर्गदूतै री तुरही रै शब्दै री बजहा न ज़ौसरा फुकर न हाज़ी बाकि सा, धौरती न रौहणु आल़ै पैंधै हाय! हाय! हाय!” |
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