2 कुरिन्थी 6 - कुल्वी1 आसै ज़ो परमेश्वरा रै सैंघी सी, ऐ भी अर्ज़ केरा सी, कि परमेश्वरै रा अनुग्रह ज़ो तुसा पैंधै हुआ सा, बेकार मतेई होंणै देंदै। 2 किबैकि शास्त्रा न परमेश्वर बोला सा, “कि आपणै सही बौगता न मैं ता तुसरी शुणी, होर मुक्ति रै ध्याड़ै मैं तुसरी मज़त केरी।” शुणा, ऐबै सौ सही बौगत सा; शुणा, ऐबै मुक्ति रा ध्याड़ा सा। पौलुसा री मुश्कलाता 3 परमेश्वरा रै हिस्सेदारा रै रूपा न आसै कौसी गैला न कौसी बै भी ठोकर खाँणै रा मौका नी देन्दै, कि आसरी सेवा पैंधै कोई दोष नी लाला। 4 पर सैभी गैला न परमेश्वरै रै सेवक होंणै रै नाते आपणै शोभले गुणा बै प्रगट केरा सी, बड़ै धीरजा सैंघै, दुःखा न, गरीबता सैंघै, क्लेशा न। 5 कोड़ै खाँणै न, जेल होंणै न, हुलल्ड़ो न, ज़ागदै रौहणै न, भूखै रौहणै न। 6 पवित्रता न, ज्ञाना न, धीरजा न, कृपालु बनाणै न, पवित्र आत्मा न सच़ी झ़ुरी। 7 सच़ी झ़ुरी न, सच़ै वचना न, परमेश्वरै री शक्ति न; धार्मिकता रै हथियारा सैंघै ज़ो आसरै दैहिणै हमला केरनै री तैंईंयैं सी, होर बांऊँऐ बचाव केरनै री तैंईंयैं सी। 8 इज्ज़ती न होर बेइज़ती न, बदनामी होर शोभलै नाँ न, ऐण्ढै भड़काणु आल़ै सांही लागा सी, ज़ैबैकि आसै सच़ै सी। 9 किछ़ लोका आसाबै जाणनु आल़ै मैना सी होर किछ़ लोका आसाबै नज़ाण मांहणु रै रूपा न हेरा सी; मौरू हुँदै सांही सी होर तैबै बी ज़िन्दै सी; मार खाँणु आल़ै सांही सी पर ज़ानी न मारीदे नी। 10 आसै दुःख केरनु आल़ै सांही सी, पर हमेशा खुशी मैना सी, आसै आपु ता गरीब सी, पर बोहू लोका बै आत्मिक रूपा न धनी बणा सी, ऐण्ढै सी कि ज़ैण्ढै आसा हागै किछ़ै नी ऑथि पर तैबै भी सैभ किछ़ रखा सी। 11 हे कुरिन्थियों रै विश्वासीयौ, आसै तुसा सैंघै खुलै होईया गैला केरी सी, आसरा दिल तुसरी तेइयै खुला सा। 12 तुसरी तैंईंयैं आसरै मना न कोई शक नैंई, पर तुसरै मना न शक सा। 13 पर आपणै बाल-बच्च़ै समझिया तुसाबै बोला सा, कि तुसै भी तेई रै बदले न आपणा दिल खोला। विश्वासी होर अविश्वासी 14 अविश्वासी सैंघै विश्वासी रा कि नाता सा? किबैकि धार्मिकता होर पापा री कि बराबरी? या फिरी प्याशे होर निहारै री कि संगत? 15 होर मसीह रा शैताना सैंघै कि लगाव? या विश्वासी सैंघै अविश्वासी रा कि नाता? 16 हौर मूर्ति सैंघै परमेश्वरा रै मन्दिरा रा कि नाता? किबैकि आसै ता ज़िन्दै परमेश्वरै रा मन्दिर सी; ज़ैण्ढा परमेश्वरै शास्त्रा न बोलू सा कि “मूँ तिन्हां लोका सैंघै रौहणा होर तिन्हां न च़लै फिरै केरना; होर हांऊँ तिन्हां रा परमेश्वर होंणा, होर ते मेरै लोका होंणै।” 17 तैबै प्रभु शास्त्रा न होइया आसाबै बोला सा, “कि तिन्हां अविश्वासी लोका मौंझ़ै न निकल़ा ज़ो बुरै कोम केरा सी: होर आपणै आपा बै तिन्हां न अलग रौहात्; होर कोई बी दुष्टता रै कोम मता केरा, तैबै मूँ तुसै ग्रहण केरनै।” 18 होर, “तुसरा पिता हांऊँ होंणा, होर तुसै मेरै बेटै होर बेटी होंणै; ऐ सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वरै रा वचन सा।” |
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