2 कुरिन्थी 11 - कुल्वीपौलुस होर झ़ूठै च़ेले 1 अगर तुसै मेरी थोड़ी मुर्खता सौहंदै ता कैण्ढा शोभला होंणा ती, पर हाँ, तुसै मेरी सौहा भी सी। 2 किबैकि हांऊँ तुसै रै बारै न परमेश्वरा सांही फ़िक्रमंद सा, तैबै कि मैं ऐकी मांहणु सैंघै तुसरी ब्याह री गैल लाई सा, कि तुसै पवित्र कुँआरी सांही मसीह बै देनु। 3 पर हांऊँ डौरा सा कि ज़ैण्ढै एक कीड़ै रै रूपा न शैतानै आपणी च़लाकी सैंघै पैहली बेटड़ी हव्वा भड़काई, तैण्ढै ही मुँभै डौर सा कि तुसै सच़ाई होर इमानदारी सैंघै मसीह रै बारै न कोइँछ़ै सोच़णा बन्द नी केरू लोड़ी। 4 अगर कोई तुसा हागै ऐला, कौसी होरी यीशु रा प्रचार केरला, ज़ुणिरा प्रचार आसै नैंई केरू या फिरी कोई होर आत्मा तुसाबै मिली; ज़ो पैहलै न मिला ती; नी ता होर कोई खुशी रा समाद ज़ुण तुसै पैहलै नी मैनू ती, तुसै तिन्हां शिक्षा बै मनणै न गलत सी। पौलुस होर झ़ूठै प्रेरित 5 हांऊँ ता समझा सा, कि हांऊँ कौसी भी गैला न बड़ै न बड़ै प्रेरिता न कम नैंई ऑथि सा। 6 होई सका सा ज़ेतरा शोभला तै बोला सी, तेतरा शोभला हांऊँ नी बोली सकदा। पर मुँभै मसीह होर खुशी रै समादा रा ज्ञान सा होर ऐ गैला तुसाबै पूरी तैरहा न पैहलै दसी सा। 7 कि ऐथा न मैं कोई पाप केरू; कि मैं तुसाबै परमेश्वरै रा खुशी रा समाद मुफ्ती न शुणाऊ; होर आपणै आपु बै होछ़ा केरा सी, कि तुसै बड़ै बणलै? 8 मैं तुसरी सेवा केरनै री तैंईंयैं होरा मण्डली रा सहारा लेऊ। तुसाबै ऐ नी बोलणा चेहिऐ कि ऐण्ढा केरना गलत सा। 9 होर ज़ैबै तुसा सैंघै ती, होर मुँभै ढैबुऐ री घटी हुई, ता मैं कौसी पैंधै बोझ नी पाऊ, किबैकि विश्वासी भाइयै, मकिदुनिया प्रदेशा न एज़िया मेरी कमी घटी पूरी केरी होर मैं आपणै आपु बै तुसा पैंधै भार पाणै न रुकु, होर रोकिया रोहणा। 10 अगर पक्की तैरहा न मसीहा री सच़ाई मूँ न सा, ता अखाया प्रदेशा न कोई मुँभै ऐई घमण्डा न रोकी नी सकदा। 11 मैं तुसरै ढैबुऐ किबै नी लेऐ? कि मैं ऐण्ढा तैबै केरू कि हांऊँ तुसा सैंघै झ़ुरी नी रखदा? परमेश्वर ऐ ज़ाणा सा कि हांऊँ तुसा सैंघै झ़ुरी रखा सा। 12 पर ज़ो हांऊँ केरा सा, सौहै मूँ केरदै भी रोहणा; ताकि हांऊँ तिन्हां लोका (झ़ूठै प्रेरित) बै आसा सैंघै बराबर होंणै रै मौका पाणै न रोकी सकनू। तै सच़ी न ऐ साबित केरनै रा मौका पाणा चाहा सी कि तै आसा बराबर होंणै रा अधिकार रखा सी। 13 किबैकि ऐण्ढै लोका झ़ूठै प्रेरित, होर धोखै रै कोम केरनु आल़ै, होर मसीहा रै प्रेरिता रा रूप धारण केरनु आल़ै सी। 14 होर ऐ हैरानी री गैल नैंई ऑथि किबैकि शैतान आपु भी ज्योतिमर्य स्वर्गदूतै रा रूप धारण केरा सा। 15 तैबै अगर शैताना रै सेवक भी धर्मी सेवका रा रूप धारण केरलै, ता किछ़ बड़ी गैल नी ऑथि पर तिन्हां रा अंत तिन्हैं रै कोम रै मुताबक होंणा। प्रेरिता रै रूपा न पौलुसा रा दुःख 16 हांऊँ फिरी भी बोला सा, कि कोई मुँभै मुर्ख नैंई समझ़ला, नैंई ता मुर्ख ही समझिया मेरी सौहा, ताकि थोड़ा ज़ेही हांऊँ भी घमण्ड केरनु। 17 ऐण्ढै बेधड़क घमण्डा न ज़ो किछ़ हांऊँ बोला सा सौ प्रभु रै हुक्मा रै मुताबक नैंई पर मैना मुर्खता सैंघै बोला सा। 18 ज़ैबैकि बोहू लोका ऐसा दुनिया रै लोका सांही घमण्ड केरा सी, ता हांऊँ बी घमण्ड केरनु। 19 तुसै ता समझदार होईया भी खुशी सैंघै मुर्ख लोका री सौहा सी। 20 किबैकि ज़ैबै कोई तुसाबै दास बणा सा, या तुसा हागै ज़ो किछ़ सा लेया सा, या तुसाबै धोखा देआ सा, या आपणै आपु बै तुसा न बड़ा बणा सा, होर तुसै रै मुँहा बै थप्पड़ मारा सा, ता तुसै सौहा सी। 21 कि तुसाबै लागा सा कि मुँभै शर्मिंदा होंणा चेहिऐ किबैकि मैं ऐण्ढा नी केरू; पर ज़ौस कौसी गैला कोई घमण्ड केरा सा, हांऊँ मूर्खता सैंघै बोला सा ता हांऊँ भी घमण्ड केरा सा। 22 तै कि इब्रानी सी? हांऊँ भी सा; कि सौऐ इस्राएली सी? हांऊँ भी सा; कि तै अब्राहमा रै वंशा रै सी? हांऊँ भी सा: 23 कि सौऐ मसीह रै सेवक सी? हांऊँ पागला सांही बोला सा, हांऊँ तिन्हां न ज़ादा सा! मैं तिन्हां न बढ़ी केरिया मेहनत केरी, तिन्हां न बढ़ी केरिया कैदी बणाऊ; अनगिनत बार पीटू; घड़ी-घड़ी मेरै प्राण खतरै न पौड़ै। 24 पौंज़ बार मैं यहूदी नेतै रै हौथा न उन्ताली कोड़ै खाऐ सी 25 त्राई बार मैं बैंते री मार खाई; एक बार पत्थरवाह केरू; त्राई बार ज़ुणी ज़हाजा न हांऊँ च़ढ़ू ती, चुटू; एक ध्याड़ होर एक राती मैं समुन्द्रा न काटी। 26 हांऊँ आपणी घड़ी-घड़ी री सफरा न; नौई रै खतरै न; डाकुऐ रै खतरै न; आपणी ज़ाति आल़ै रै खतरै न; होरी ज़ाति रै खतरै न; नगरा रै खतरै न; जंगला रै खतरै न; समुन्द्रा रै खतरै न; होर झूठ बोलणु आल़ै विश्वासी भाई रै बीचा न खतरै न रौहु; 27 मेहनत केरनै होर कष्टा न; घड़ी-घड़ी बिऊदै रौहणै न; भूखै शोखै न; घड़ी-घड़ी ब्रत केरनै न; ठण्डै न; नांगै रौहणै न। 28 होरी गैला बै छ़ौड़िआ ज़ुणिरा बखान हांऊँ नी केरदा सैभी मण्डली री फिक्र मुँभै हर रोज दबा सा। 29 ज़ैबै कोई कमज़ोर होआ सा ता हांऊँ बी कमज़ोर होआ सा। हर बार ज़ैबै कोई पाप केरा सा ता मुँभै बड़ा दुःख होआ सा। 30 अगर घमण्ड केरना जरूरी सा, ता हांऊँ आपणी कमज़ोरी री गैला पैंधै केरनु। 31 परमेश्वर आसरै प्रभु यीशु रा पिता ज़ो सदा धन्य सा, सौ जाँणा सा, कि हांऊँ झूठ नी बोलदा। 32 दमिश्क शैहर न अरितास राजा रा राज़पाल ती, तेइयै मुँभै ढौकणै री तैंईंयैं दमिश्कियो रै नगरा न पौहरा लाईया रखीरा ती। 33 होर हांऊँ टोकरै न खिड़की न होईया भीतिऐ भ्याँऊ उतारू, होर राज़पाला रै हौथा न बचीया निकलु। |
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