दिब्य दरस 3 - गढवली नयो नियमसरदीस शहर-मुरीं मण्डलि 1 सरदीस शहर की मण्डलि का दूत तैं लिख; “यु संदेश वेका तरपां बट्टी च जु सात गैणों तैं अपड़ा हथ मा ले के रखद अर जु पिता परमेश्वर का सात आत्माओं तैं भिजद, यु बुल्द कि मि जंणदु छो कि तू क्य करदी, कि तू मेरू विश्वासयोग्य विश्वासी प्रतीत त हूंदी, पर हकीकत मा तू अब मेरू अनुसरण नि करदी।” 2 इलै, जागि जा, अर मि पर अपड़ा विश्वास तैं मजबूत कैर जब तक त्वे मा कुछ विश्वास बच्युं च, कि यु पूरा ढंग से खत्म नि हवे जौं। मि जंणदु छो कि तेरी कमी भौत ही बड़ी च किलैकि जु तू कनी छै पिता परमेश्वर वे बट्टी खुश नि च। 3 वीं शिक्षा तैं याद कैर जु तिल भौत पैली सूंणि छै अर स्वीकार कैरी छै। जु त्वे तैं सिखै गै छै वेको अनुसरण कैर, अपड़ी लापरवाही बट्टी मन फिरौ। जु तू लापरवाही कनी रैलि त मि अचानक औलु, जन रात मा एक चोर आंद, अर तू वे बगत तैं भि नि जांणि सकली जब मि त्वे तैं दण्ड दींणु कु औलु। 4 पर सरदीस शहर मा तुम्हरा बीच मा कुछ ही लोग छिनी, जु पाप बट्टी अशुद्ध नि हवीनि। उ शुद्ध सफेद कपड़ा पैरी के मि दगड़ी चलला, किलैकि उ यु लैक छिनी। 5 उ जु जीत पौदींनि ऊं तैं भि ऊंका जन सफेद कपड़ा पैरे जाला। मि ऊंका नौं वीं किताब बट्टी नि हटौलु जै मा पिता परमेश्वर ल ऊं लुखुं का नौं लिख्यां छिनी जौं तैं अनन्त जीवन मिललो। मि अपड़ा पिता का संमणी अर वेका स्वर्गदूतों का संमणी यु बतौलु की उ मेरा छिनी। 6 हर कुई जु मेरा संदेश तैं समझण चांद, वे तैं वीं बात तैं ध्यान से सुनण चयणु च जु पवित्र आत्मा मण्डलियों बट्टी बुल्द। फिलदिलफिया शहर-विश्वासयोग्य मण्डलि 7 फिलदिलफिया शहर की मण्डलि का दूत तैं लिख; मि ही उ छो जु पवित्र अर सचै छो, जै मा उ चाबी च जु राजा दाऊद की च। जब मि वीं चाबी तैं लींदु छो अर एक द्वार तैं खुलद त कुई भि वे तैं बंद नि कैर सकद, अर जब मि चाबी लींदु अर एक द्वार बंद कैरी दींदु त कुई भि वे तैं खोल नि सकद, जैका खुल्यां तैं कुई बन्द नि कैर सकद अर बन्द करयां तैं कुई खोल नि सकद, उ यु बुल्द, 8 सूंण, मि जंणदु छो कि तू क्य करदी। त्वे मा भस थोड़ी ही सामर्थ च, पर फिर भि तिल ईं बात बट्टी मना नि कैरी कि तू मि पर विश्वास करदी। इलै इन कुछ च जै की तुलना एक प्रवेश द्वार बट्टी किये गै जै तैं मिल त्वे कु खोलिलि, जै तैं कुई भि बंद नि कैर सकद। 9 सूंण, उ लोग जु एक इन झुण्ड का सदस्य छिनी जु शैतान बट्टी जुड़यां छिनी अर दावा करदींनि कि उ यहूदी छिनी पर उ सच्चा यहूदी नि छिनी अर उ झूठ बुल्दींनि मि ऊं तैं तेरा वश मा कैरी दयुलु जु यहूदी बंणि गैनी, पर छै नि छिनी अर झूठ बुल्दींनि मि इन करुलु, कि उ ऐ के तेरा संमणी ऐ के दण्डवत् करला, अर यु जांणि जाला, कि मिल त्वे बट्टी प्रेम रखि। 10 तिल मेरा संदेश कु पालन कैरी कि जब तू दुःख उठौ त वे तैं धैर्य दे के सै साकी। इलै, मि त्वे तैं वीं बड़ी अजमैश का बगत मा सुरक्षित रखलु जु ईं दुनिया का सभि लुखुं पर आली। 11 मि जल्दी ही आंण वलो छो; इलै त्वे तैं मि पर विश्वास करदी रौंण चयणु च कि कुई भि त्वे तैं तेरी जीत को ईनाम लींण से रोक नि साको जु मुकुट का समान च। 12 हर कुई जु मेरा संदेश तैं समझण चांद, वे तैं वीं बात तैं ध्यान से सुनण चयणु च, जन के एक खम्बा घौर तैं मजबूत बणांद, उन ही के उ भि हमेशा कु पिता परमेश्वर का स्वर्गीय मन्दिर मा राला; और मि वे पर मेरा पिता परमेश्वर को नौं लिखुलु अर पिता परमेश्वर का यरूशलेम शहर को नौं लिखुलु। अर यु उ ही शहर च जु स्वर्ग मा च, मतलब की मेरा पिता परमेश्वर का तरपां बट्टी मूड़ी आंण। मि वे पर अपड़ो नयो नौं भि लिखुलु। 13 हर कुई जु मेरा संदेश तैं समझण चांद, वे तैं वीं बात तैं ध्यान से सुनण चयणु च जु पवित्र आत्मा मण्डलियों बट्टी बुल्द। लौदीकिया शहर-गुनगुनी मण्डलि 14 लौदीकिया शहर की मण्डलि का दूत तैं लिख “मि आमीन कहलांद, किलैकि मि विश्वासयोग्य छो अर मि पिता परमेश्वर का बारा मा जु भि प्रमाणित करदु उ सच च। जु कुछ भि वेल बणै मि वे सब कुछ को स्रोत भि छो, मि त्वे बट्टी यु बुल्दो। 15 मि जंणदु छो कि तेरा काम कन छिनी कि तू आलंकारिक रूप मा वे पांणी का जन छै जु न त गर्म च अर न ही ठंड़ो। मि चांदु छो कि जु तू मेरू अनुसरण करदी त हकीकत मा अनुसरण कैर, जु न, त बिल्कुल नि कैर। 16 इलै कि तू गुनगुनो छै, अर न ठंण्डो छै अर न गर्म, पर किलैकि आलंकारिक रूप मा मेरा बारा मा तेरी सोच दुविधा मा च जन कि गुनगुनो पांणी हूंद, इलै मि त्वे तैं पूरा ढंग से हटांणु कु तैयार छो। 17 तू बुल्दी छै कि तू धनवान छै अर त्वे मा उ सब कुछ च जै की त्वे तैं जरूरत च, पर सचै य च कि तू अंधा जन छै, तू नि जणदी कि तू हकीकत मा कन छै। त्वे पर तरस आंण चयणु। किलैकि तू गरीब छै, यांको मतलब यो च कि त्वे मा विश्वास की कमी च तू ऊं लुखुं का जन छै जौं मा कपड़ा नि छिनी। 18 इलै, मि त्वे तैं आग बट्टी शुद्ध करयां सोना तैं मि बट्टी खरीदण की सलाह दींदु कि तू हकीकत मा धनवान बण साक। त्वे तैं अपड़ा पैनणु कु अपड़ा सफेद कपड़ा भि मि बट्टी खरीदण चयणा छिनी कि तू लुखुं का द्वारा नंगो दिख्योणै की शर्मिंदगी ल बच साक। त्वे तैं अपड़ी आँखों मा डलणु कु थोड़ा काजल भि मि बट्टी खरीदण चयणु च, कि तू देख साक। 19 मि जै तैं भि प्रेम करदु, वे तैं मि सिखांदु अर सजा भि दींदु कि उ अच्छा बण जा। इलै मन फिरावा अर अच्छै कन मा लगयां रावा, पापमय काम कन बंद कैर द्या। 20 सूंणा, मि तुम्हरा दिल मा प्रवेश कनु कु वे मनिख का जन छो, जु तुम्हरा द्वार पर खटखटांण वला आदिम का जन खड़ाे छो, अर वे तैं खुलणु कु बुल्दो छो। जु कुई मेरी आवाज सुणद अर द्वार खुलद त मि भितर जौलु अर हम एक दुसरा का दगड़ी खांणु खौला। 21 उ जु जीत जंदींनि, वे तैं मि अपड़ा सिंहासन का बगल मा सिंहासन पर बैठणों कु अधिकार दयुलु। यु बिल्कुल मि जन ही होलो, जन मिल जीत हासिल कैरी अर अपड़ा बुबा का बगल मा आसण प्राप्त कैरी। 22 हर कुई जु मेरा संदेश तैं समझण चांद, वे तैं वीं बात तैं ध्यान से सुनण चयणु च जु पवित्र आत्मा मण्डलियों बट्टी बुल्द।” |
Garhwali New Testament(गढवली नयो नियम), 2020 by The Love Fellowship is licensed under a Creative Commons Attribution-ShareAlike 4.0 International License.