2 कुरिन्थि 2 - गढवली नयो नियमअपड़ा प्रेम तैं पैछनण 1 मिल अपड़ा मन मा यु ही ठांणी छो कि फिर तुम मा उख ऐ के तुम तैं दुःख नि दयुलु। 2 किलैकि जु मि तुम तैं दुःखी कैरू, त तुम्हरा अलावा मि तैं खुशी दींण वलो और कुई नि च, भस तुम ही छा जै तैं मिल दुखी कैरी। 3 अर मिल यु ही बात तुम तैं इलै लिखीं, कि कखी इन नि हो, कि मेरा आंण पर जौं मा मि तैं खुशी मिलण चयणी च, मि वेमा दुखी नि हवे जौं; किलैकि मि तैं तुम सभियूं पर ईं बात कु विश्वास च कि जु मेरी खुशी च, व ही तुम सभियूं की भि खुशी च। 4 बड़ा क्लेश, अर मन का कष्ट से, मिल भौत सा आँसू बुगै-बुगै के मिल तुम तैं य चिठ्ठी लिखीं इलै न, कि तुम दुखी व, पर इलै कि तुम वे बड़ा प्रेम तैं जणिल्या, जु मि तैं तुम बट्टी च। पापियों तैं माफी 5 अर वेल कुछ हद तक तुम सभियूं तैं दुःख द्ये, पर कै सीमा तक तुम सभि कु दुःख कु कारण बंणि (मि यु से जादा और कुछ नि बुल्ण चांदु।) 6 इन आदिम कु जु दण्ड तुम मा बट्टी ज्यादातर विश्वासी भयों ल वे तैं द्ये, उ भौत च। 7 इलै यु से बढ़िया च कि वेका पापों तैं माफ कैरा; अर वे तैं प्रोत्साहित कैरा, जु तुम वे तैं माफ नि करदा त शायद उ इथग दुखी हवे जौं कि निराश हवे कर हार मांणी ल्यो। 8 इलै मि तुम बट्टी बिनती कनु छों, कि वे तैं बतावा कि तुम हकीकत मा वे बट्टी प्रेम करदा। 9 किलैकि मिल इलै भि लिखीं छो, कि तुम तैं परखि ल्यूं, कि तुम मेरी आज्ञाओं तैं मनणु कु तैयार छा, कि न। 10 जैको तुम कुछ पाप माफ करदा वे तैं मि ही माफ करदु, किलैकि जब मि तैं माफ कने की जरूरत हूंदी, त मि तुम्हरा फैदा कु मसीह का अधिकार का दगड़ी इन करदु। 11 कि शैतान हमारा हालत कु फैदा नि ले साको, किलैकि हम जंणदा छा कि वेकी चाल क्य च। मकिदुनिया प्रान्त कु यात्रा 12 अर जब मि मसीह कु शुभ सन्देश तैं, सुनांणु कु त्रोआस शहर मा अयुं, अर पिता परमेश्वर ल मि तैं शुभ संदेश प्रचार कनु कु महान मौका दींनि। 13 त मिल अपड़ा विश्वासी भैय तीतुस तैं तुम्हरी तरपां बट्टी संदेश नि लांद देखि त मि तैं मन मा चैन नि मिली; इलै मिल त्रोआस शहर का विश्वासियों बट्टी विदा ले के भैय तीतुस तैं खुजांणु कु मकिदुनिया प्रान्त कु वापिस लौटि औं। मसीही सेवक का जीवन की खुशबु 14 पर पिता परमेश्वर कु धन्यवाद हो, हमारा सम्बंध मसीह का दगड़ी हूंणा का कारण, उ हमेशा हम दगड़ी रौंद अर हम तैं जीत दिलांद। यांको मतलब च कि हम जख भि जांदा, हम शुभ संदेश का प्रचार की खुशबु तैं फैलौंदां कि सभि लोग पिता परमेश्वर तैं जांणा अर सूंणा। 15 किलैकि हम पिता परमेश्वर कु मसीह का द्वारा जल्यां धूप का जन छा; हमारा द्वारा जु प्रचार हूंद व खबर सभि लुखुं मा फैली खुशबु का जन च, ऊंका बीच जु लोग बच जंदींनि अर जु लोग नि बचदींनि। 16 पर ऊंकु जु विनाश का रस्ता पर छिनी, उ मौत की इन बाश छिनी जु ऊं तैं मौत की तरपां लिजांदी; पर ऊंकु जु उद्धार का रस्ता पर बढ़दी रौदींनि, यु जीवन की इन खुशबु छिनी जु जीवन का तरपां जंदींनि। हक्कीकत मा, कुई भि अपड़ा आप बट्टी ईं सुगंध तैं फैलांण का योग्य नि च। 17 किलैकि हम ऊं भौतों का समान नि छा, जु धन कमौण कु पिता परमेश्वर कु वचन कु प्रचार करदा; पर हम पिता परमेश्वर का वचन कु प्रचार सचै अर मसीह का अधिकार का दगड़ी करदा, यु जांणि के कि पिता परमेश्वर हम तैं दिखणु च। |
Garhwali New Testament(गढवली नयो नियम), 2020 by The Love Fellowship is licensed under a Creative Commons Attribution-ShareAlike 4.0 International License.