2 कुरिन्थि 11 - गढवली नयो नियमऊंका विश्वासयोग्यता कु चिन्ता 1 जु तुम वे तैं स्वीकार कैरी लींदियां जु अपड़ी तारीफ अफ ही करद अर इलै मि तैं आस च कि जु मि जरा मूर्खतापूर्ण बरतौ कैरो त वे तैं तुम सै लिला। 2 किलैकि मि तुम कु उन ही परेशान छों, जन पिता परमेश्वर च, इलै कि मिल तुम तैं मसीह तैं अर भस वे तैं ही दींणो कु वादा करयूं च; यु एक पिता का जन च जु अपड़ी नौंनि कु शुद्ध अर अणबिवाक का रूप मा वीं का आदिम तैं सौंपदु जब वीं कु ब्यो हूंद। 3 पर मि डरदु छो कि जन के शैतान ल, एक गुरो का रूप मा चालाकी ल पैली जनन हव्वा तैं बहकै, उन के ही तुम लुखुं का मन भि बहकै दिये जौं अर आप मसीह का प्रति अपड़ी निष्कपट अर सच्ची भक्ति ख्वे द्यो। 4 जब भि कुई तुम मा आंदो अर तुम तैं कै दुसरा एक यीशु का बारा मा बतांद जैको प्रचार हम ल नि कैरी त तुम वे नया आदिम तैं स्वीकार कनु कु भौत उत्सुक रौन्दियां; उ यीशु मसीह नि च जैका बारा मा हम ल तुम तैं बतै छो; अर तुम खुश हवे के वे पर ध्यान दींद जब तुम तैं एक इन आत्मा अर शुभ सन्देश मिल्दो जु वे आत्मा अर संदेश का जन नि च जु हम तुम मा लौंदियां त तुम गलत ढंग ल यु तैं पूरा मन से स्वीकार करदा। पौलुस अर झूठा प्रेरित 5 मि तैं लगद कि मि ऊं लुखुं का जन अच्छो छों जु सुचदींनि की उ सभि प्रेरितों मा बट्टी सबसे महान छिनी। 6 जु मि खुल्ला रूप मा बुल्ण मा ज्ञानी नि छो, तब भि मसीह अर शुभ संदेश का बारा मा मि तैं जानकारी छै च; जबकि मिल अपड़ो ज्ञान ऊं सभि बातों मा प्रदर्शित कैरी जु मिल सिखैनी। 7 मिल तुम्हरा बीच पिता परमेश्वर कु शुभ सन्देश प्रचार मुफ्त मा प्रचार कैरी के सुणै अर अपड़ा आप तैं नम्र कैरी कि तुम्हरो सम्मान हो; क्य मिल इन कैरी के पाप कैरी? 8 मिल दुसरी मण्डलियों बट्टी मदद स्वीकार कैरी कि मि तुम तैं बगैर कै खर्च का सेवा दे साको। यु तैं तुम लुटण नि बोला। 9 अर जब तुम्हरा दगड़ी छो, अर मि तैं धन की कमी छै, त मिल कै पर भि बोझ नि डाली, किलैकि विश्वासी भयों ल, मकिदुनिया प्रान्त बट्टी ऐ के मेरी घटि तैं पूरो कैरी; अर मिल हर बात मा अपड़ा आप तैं कै भि ढंग ल तुम कु मुसिबत बनण ल बचु, अर मि भविष्य मा भि तुम पर बोझ नि बणलु। 10 उन ही के निश्चित रूप बट्टी जन की मसीह की सचै मि मा च, त अखाया प्रान्त का सैरा इलाका मा कै बट्टी भि पैसा नि लींनि, यु गर्व तैं कन से कुई हम तैं रोक नि सकद। 11 मिल तुम्हरा रूपया किलै नि लींनि? क्य मिल इन इलै कैरी किलैकि मि तुम बट्टी प्रेम नि करदु? पिता परमेश्वर जंणदु च कि मि तुम बट्टी प्रेम करदु छो। 12 पर जु मि करदु, उन ही करदी रौलु; कि मि ऊं झूठा प्रेरितों तैं हमारा बराबर समझै जांणो कु मौका मिलण से रुकु; उ सच मा यु मौका चयदींनि कि साबित कैर साका कि उ यु दावा कन मा सै छिनी कि उ हमारा बराबर छिनी। 13 किलैकि इन लोग झूठा प्रेरित, अर धोखा ल काम कन वला, अर उ मसीह हूंणो कु भि दावा करदींनि अर प्रेरित हूंणो कु भि झूठो दावा करदींनि। 14 अर यु कुछ चौंकणै की बात नि च किलैकि शैतान आप भि पिता परमेश्वर की महिमा कु एक स्वर्गदूत हूंणो कु दिखावा करद। 15 इलै जु शैतान का सेवक भि धार्मिकता का सेवकों का जन रूप धारा, त ऊंको अन्त ऊंका कामों का अनुसार होलो। मसीह कु दुःख उठांण 16 मि फिर बुल्णु छो, कि कुई मि तैं मूर्ख नि समझो; नथिरी त मूर्ख ही समझी के मेरी सै ल्या, कि थोड़ा मि भि घमण्ड कैरी साको। 17 यु बेधड़क मा जु कुछ मि बुल्णु छो, मि उन ही नि बुल्णु छो जन मसीह यीशु चांदो च कि मि बोलु; पर चला मांणी ल्या मूर्खता ही बट्टी बुल्णु छो। 18 जबकि भौत लोग ईं दुनिया का लुखुं का जन घमण्ड करदींनि, त मि भि घमण्ड करुलु। 19 तुम त समझदार हवे के खुश हवे के मूर्खों की सै लींदियां। 20 किलैकि जब तुम तैं कुई नौकर बणै लींद, या उ सभि कुछ ले लींद जु तुम मा च, या तुम तैं धोखा दींद, या अपड़ा आप तैं सुचद कि उ तुम बट्टी जादा बढ़िया च, या तुम्हरा गिचा पर थप्पड़ मरद, त तुम सै लींदियां। 21 त क्य तुम सुचदा छा कि मि तैं शर्मिंदगी महसूस हूंण चयणी च, किलैकि मिल उन नि कैरी? पर जीं कीं बात मा कुई घमण्ड करद, मि मूर्खता ल बुल्दो त मि भि घमण्ड करदु। 22 क्य उ ही इब्रानी छिनी? मि भि छों। क्य उ ही इस्राएली छिनी? मि भि छों; क्य उ ही अब्राहम का वंश का छिनी? मि भि छों। 23 क्य उ ही मसीह का सेवक छिनी (मि बौलयों जन बुल्णु छो) मि ऊं बट्टी बढ़ि के छो। मिल ऊं बट्टी कई जादा मेहनत कैरी, ऊं बट्टी कई जादा बंधि बणयूं, कई बार पिटे ग्यों, अक्सर ही मेरा प्राण संकट मा पुड़ीनि। 24 पाँच बार यहूदी अगुवों ल मि तैं उनतालीस कोड़ा मरिनि। 25 तीन बार मिल सिटगे की मार खै; एक बार मि पर ढुगलयो हवे; तीन बार पांणी का जहाज कै पर मि चढ़ी छो, टुट गै; एक दिन अर एक रात मिल समुद्र मा काटि। 26 मि बार-बार यात्राओं मा; गाड का जोखिमोंं मा; डाकुओं का जोखिमोंं मा; अपड़ा जातिवलों बट्टी जोखिमोंं मा; अन्यजातियों बट्टी जोखिमोंं मा; नगरों का जोखिमोंं मा; जंगल का जोखिमोंं मा; समुद्र का जोखिमोंं मा; झूठा विश्वासी बणयां भयों का बीच जोखिमोंं मा रौ; 27 पर मिल ऊं बट्टी कई जादा मेहनत कैरी; बार-बार बिज्यां रौंण मा; भूख-तीस मा; बार-बार भूखो रै के उपवास रखण मा भि; झाैड़ मा; बिज्यां रौंण मा। 28 अर यु सभियूं बातों का अलावा हर दिन सभि विश्वासी मण्डलि की चिन्ता मि तैं भौत परेशान करदी। 29 जब कुई कमजोर हूंद त मि भि कमजोर महसूस करदु; जब कुई पाप मा पोड़ जांद त मि भौत दुखी हूंदु। 30 जु घमण्ड कन जरूरी च, त मि अपड़ी कमजोरी की बातों पर घमण्ड करुलु। 31 परमेश्वर जु हमारा प्रभु यीशु का पिता च हमेशा धन्य च, जंणदु च, कि मि झूठ नि बुल्दो। 32 दमिश्क शहर मा अरितास राजा का राज्यपाल ल मि तैं पकड़ाण कु दमिश्कियों का नगर पर पैहरा बैठयूं छो। 33 पर मेरा दगड़ियों ल एक बड़ा ठुपरा मा एक लम्बो रस्सा बंधि के अर मि तैं वेमा बैठे के अर वे तैं दीवार का एक खिड़की का समान छेद का द्वारा शहर का भैर जमींन पर उतार दींनि, अर मि राज्यपाल का हथों बट्टी निकली ग्यों। |
Garhwali New Testament(गढवली नयो नियम), 2020 by The Love Fellowship is licensed under a Creative Commons Attribution-ShareAlike 4.0 International License.