इब्रानी 5 - Garhwali1 अर हम जणदा ही छां, कि यहूदी लोगु मा एक महा पुरोहित तैं मनखियों का बीच मा बटि ही चुणै जान्दु, ताकि उ मनखियों का खातिर पिता परमेस्वर की सेवा कैरो, अर लोगु का कियां पाप खुणि अरपण मा चड़ईं भेंट अर बलिदान तैं पिता परमेस्वर का समणि चड़ै सैको। 2 अर जब परमेस्वर की मनसा लोगु का बिंगण मा नि औन्दी अर ना ही ऊ इन समझदिन कि जु कुछ भि वु कना छिन उ गळत च, तब महा पुरोहित इन्द्रया लोगु का खातिर दया दिखान्दु, किलैकि उ खुद भि एक कमजोर मनखि च। 3 इलै उ खुद खुणि अर दुसरा लोगु खुणि बलिदान चड़ौन्दु, ताकि ऊंतैं पापों से माफी मिली जौ। 4 अर कुई भि मनखि खुद से महा पुरोहित बणण का आदर-सम्मान तैं नि पै सकदु, बल्किन मा यू त परमेस्वर च जु कि मनखि तैं चुणी के ठैरान्दु, जन वेन पितर हारुन तैं ठैरै छौ। 5 अर ठिक इन्नि यीशु मसीह न भि महा पुरोहित का पद तैं पौणु खुणि खुद तैं अफि नि चुणी, मगर यू आदर-सम्मान त वेतैं पिता परमेस्वर न दिनी। अर पवित्रशास्त्र की एक जगा मा परमेस्वर वेका बारा मा इन बुल्दु कि, “तू मेरु पुत्र छैई, अर आज से मि तेरु पिता छौं।” 6 अर पवित्रशास्त्र की दुसरि जगा मा परमेस्वर इन बुल्दु कि, “मलिकिसिदक की तरौं तू भि सदनि खुणि पुरोहित रैलि।” 7 अर जब यीशु मसीह ईं धरती पर छौ त वे बगत वेन ऊँची आवाज मा परमेस्वर तैं बुलै अर रुवे-रुवे के वेसे बिन्ती कैरी जु की वेतैं मौत से बचै सकदु छौ। अर पिता परमेस्वर न वेकी प्रार्थना तैं सुणी, किलैकि यीशु न वे पर अपणी पूरि सरदा रखी के खुद तैं वेका सुपुर्द कैरी दिनी। 8 अर परमेस्वर को पुत्र होण पर भि वेन दुख-तकलीफो तैं सै अर आज्ञा मनण सिखी। 9 अर दुख-तकलीफो तैं झिलण पर भि उ खरु निकळि। अर जथगा भि लोग यीशु मसीह की आज्ञा को पालन करदिन वु ऊं सब लोगु खुणि सदनि तक बचयै जाण की वजा बणि गै। 10 किलैकि पिता परमेस्वर न यीशु मसीह तैं मलिकिसिदक की तरौं सदनि खुणि महा पुरोहित बणैयालि। हिम्मत रखा अर बिस्वास मा बणयां रा 11 हे मेरा भै-बैंणो, यों सब बातों का बारा मा तुमतै बतौणु खुणि हमरा पास भौत सि बात छिन, मगर अभि तुम ऊं बातों तैं समझि नि सकद्यां किलैकि तुम बातों तैं सिखण मा अळकस करद्यां। 12 अर अगर बगत का हिसाब से बात किये जौ त अभि तक त तुमतै गुरु बणि जाण चयेणु छौ, मगर तुम त इन ह्वे ग्यां कि कुई तुमरा पास अऽ अर तुमतै शुरु से पिता परमेस्वर का वचन का बारा मा फिर से बतौ। अर तुम त ऊं बच्चों का जन ह्वे ग्यां जौं तैं दूद ही चयेन्दु, अरे तुमुन अन्न खाण वळु कब बणण? 13 अर जु कुई अभि भि दूद ही पीण चाणु च त उ इन जाणि ल्या कि वेन बच्चा ही रौण, अर वेतैं सही अर गळत को कुई अता-पता नि च। 14 पर अन्न त बड़ा लोगु खुणि च, जु कि अपणा जीवन का तजुर्बो का द्वारा भलै अर बुरै का बीच मा फरक कैरी सकदिन। |
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