मत्ती 18 - जीवन को च्यानणो (सेकावाटी नया नियम की पोथ्या)सऊँ बडो कूण ( लूका 15:3–7 ) 1 बि टेमई चेला ईसु कनै आर खया, “जद परमेसर थानै राजा बणासी बि टेम म्हारै मऊँ सऊँ बडो कूण होसी?” 2 जणा ईसु एक टाबरियानै कनै बुलार म्हारै बिचमै खड़्यो कर्यो। 3 अर बोल्यो, “म थारूँ सची खेऊँ हूँ ज थे थारी सोचनै बदलर इ नान्या की जंय्यां कोनी बणो जणा ताँई थे परमेसर का राज म कोनी बड़ सकोगा। 4 इ ताँई जखो बी इ नान्या की जंय्यां नरमाईऊँ जीवन जीवै ह बोई ईस्बर नगरी राज म सऊँ बडो होसी। 5 अर जखो इ टाबर की जंय्यां का टाबरानै मेरी बजेऊँ अपणावै ह बो परमेसर की नजर्या म मनै अपणावै ह। पापऊँ बचो ( मरकुस 9:42–48 ; लूका 17:1 , 2 ) 6 “पण मेर प बिस्वास करबाळानै पाप म गेरबा को ज कोई कारण बणै ह। जणा बि ताँई चोखो ह क बिकै नाड़ म घरट घालर समदर क मांयनै गेर दिओ जावै। 7 हाय ह जगत का मिनखा प जखा मेर प बिस्वास करबाळा ताँई आखळी बणै ह। आतो हो कोनी सकै क मेर प बिस्वास करबाळा मिनखानै बिस्वास म कमजोर करबाळा मिनख नइ मिलै। पण अंय्यां करबाळा प हाय पड़सी। 8 इ ताँई ज तेरो हात नहिस पग तनै पाप म गेरै जणा बानै काट फेक। क्युं क हात-पग होतासोता बी कदैई नइ बुत्तबाळी आग म बळबाऊँ तो लुलो-लंगड़ो होर जीवन म बड़बो चोखो ह। 9 ज तेरी आँख तनै पाप म गेरै जणा बिनै फोड़ दे, क्युं क दो आँख्या होतासोता नरक की आग म पड़बाऊँ तो काणो होर जीवन म बड़बो चोखो ह। गुमेड़ी लल्डी की निती-कथा 10-11 “सुणो थे मेरो खयो मानबाळानै निचो मना जाणो क्युं क ईस्बर नगरी दुत थारो लेखो-जोखो मेरा परम-पितानै देवै ह। 12 म थानै बुजूँ हूँ ज खिकन सो लल्डी हो अर बामैऊँ एक लल्डी गुमज्या जणा बो बा निन्याणमनै डूँगर म छोडर बि लल्डीनै ढुंढबा कोनी ज्यासी के? बो पक्कोई ज्यासी। 13 म थारूँ सची खेऊँ हूँ जद बा लल्डी बिनै लाध्यावै जणा बो बा निन्याणमऊँ बेत्ती बि लाधेड़ी लल्डीऊँ राजी होसी। 14 अंय्यांई थारो परम-पिता जखो ईस्बर नगरी म ह। बो बी कोनी चावै क आ अणभोळ मिनखा मऊँ एक बी नास होवै। तेरै खिलाप पाप करबाळो मिनख 15 “ज तेरो बिस्वासी भाई तेरै सागै बुरो करै जणा तू बिनै एकला म लेज्यार बिनै बिकी गळती बता, अर जद बो थारी बात सुणर बिनै मानले जणा तू बिनै नास होबाऊँ बचा लिओ ह। 16 पण ज बो तेरी बात कोनी मानै जणा तू एक नहिस दो जणानै सागै लेर बिकन जा जिऊँ सास्तर म मंड्या गेल दो नहिस बिऊँ बेत्ती गुवा की गुवाईऊँ बिपै आरोप सिद होज्या। 17 अर ज बो बाकी बात बी कोनी मानै जणा बिस्वासी मंडळी का मिनखानै बिकै बारां म बता। अर बो ज बिस्वासी मंडळी का मिनखा की बात बी कोनी मानै तो थे बिकै सागै बंय्यां को बरताव करो जंय्यां की चुंगी लेबाळा अर परमेसरनै नइ ध्यारबाळा क सागै कर्यो जावै ह। 18 म थानै सची खेऊँ हूँ जोक्यु तू धरती प बंद करसी बिनै परमेसर ईस्बर नगरी म बंद कर देसी अर जोक्यु तू धरती प खोलसी बिनै परमेसर ईस्बर नगरी म बी खोल देसी। 19 अर म थारूँ सची खेऊँ हूँ ज दो मिनख इ धरती प एक मन होर मेरा परम-पिताऊँ जखो ईस्बर नगरी म ह बिऊँ जोक्यु माँगसी जणा बो देसी। 20 क्युं क जठै दो नहिस तीन मेरै नामनै लेबा ताँई भेळा होसी जणा म बठै बाकै सागै होस्युं।” माफ करो 21 पतरस ईसु कनै जार बाऊँ बुजबा लाग्यो, “ओ परबु, ज मेरो पाड़ोसी भाईड़ो मेरो बुरो करै जणा म बिनै कत्ती बार माफ करूं? म बिनै सात बार माफ करूं के?” 22 ईसु बिनै खयो, “सात बारई नइ, पण सात का सत्तर गुणा बार माफ करजे। 23 ईस्बर नगरी का राज की बराबरी बि राजा क सागै करी जा सकै जखो आपका दासाऊँ लेखो-जोखो लेबा की सोची। 24 अर जद बो बा दासाऊँ लेखो-जोखो लेर्यो हो जणा एक मिनख बिकै सामै ल्याओ गयो जिकै बो दस हझार चाँदी का सीक्का माँगतो हो। 25 पण बि मिनख क कनै राजानै चुकाबा ताँई कोडोई कोनी हो, इ ताँई बो राजा सिपाईड़ानै हुकम दिओ, ‘इ मिनखनै इकी लूगाई अर टाबर-टिकरा क सागै बेचर मेरो हिसाब पूरो करद्यो।’ 26 आ सुणर बो मिनख राजा क पगा म पड़र अरदास कर खेबा लाग्यो, ‘हे मेरा मालिक थे थ्यावस राखो म थारी पाई-पाई चुका देस्युँ।’ 27 राजानै बिपै तरस आयो इ ताँई बे बिनै छोड दिओ। अर बिको करजो बी माफ कर दिओ। 28 पण जद बो मिनख बठैऊँ जार्यो हो जणा आपका सागैहाळा एक दासऊँ मिल्यो जिकै बो सो दिनार माँग्या करतो हो, बो बिनै पकड़र खयो, ‘मेरा रिपीआ चुका।’ 29 जणा बो दास बिकै पगा म पड़र बोल्यो, ‘थे थ्यावस राख्यो म थारी पाई-पाई चुका देस्युँ।’ 30 पण बो बिकी एक बी कोनी सुणी अर बिनै लेज्यार काळ-कोठड़ी म गेर दिओ। अर बिऊँ खयो, ‘जद ताँई तू मेरी पाई-पाई नइ चुका दे अठैई सिड़सी।’ 31 बिनै अंय्यां करता देख दुसरा दास बोळा दुखी होया अर बठै जोक्यु बी होयो हो बिकै बारां म राजानै खे सुणाई। 32 जणा राजा बि पेलड़ा दासनै आपकै कनै बुलार बिऊँ खयो, ‘हे कुटिचर मिनख जद तू मेरूँ अरदास करी जणा म तनै अर तेरो सगळो करजो माफ कर दिओ हो। 33 इ ताँई जंय्यां म तेर प दया करी ही बंय्यांई तनै बी तेरा सागैहाळा दास प दया करबो चाए हो।’ 34 अर बो राजा झाळ्या म भर'र बि मिनखनै सिपाईड़ा क हाता सूप दिओ अर खयो, ‘जद ताँई ओ पाई-पाई नइ चुका दे इनै केद राखो।’ 35 इ ताँई ज थे बी थारा पाड़ोसी भाईड़ानै मनऊँ माफ कोनी करस्यो जणा मेरो परम-पिता जखो ईस्बर नगरी म रेह्वै ह बो बी थारै सागै बंय्यांई करसी।” |
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